
संवाददाता
नई दिल्ली । शुक्रवार को लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया, जिसके साथ ही संसद के 19 दिवसीय शीतकालीन सत्र का समापन हो गया। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए, जिनमें 20 साल पुरानी मनरेगा को निरस्त करने वाला विधेयक और निजी भागीदारी के लिए नागरिक परमाणु क्षेत्र को खोलने वाला विधेयक भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक, शीतकालीन सत्र के दौरान कुल बैठक का समय 92 घंटे और 25 मिनट था।
लोकसभा की उत्पादकता 111 प्रतिशत रही- ओम बिरला
शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपना संक्षिप्त विदाई भाषण पढ़ा, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया कि सत्र के दौरान लोकसभा की उत्पादकता 111 प्रतिशत रही और सदस्य महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा करने के लिए देर रात तक बैठे रहे। इसके बाद उन्होंने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया, जिससे 1 दिसंबर को शुरू हुआ संक्षिप्त सत्र समाप्त हो गया।
विपक्ष ने लगाए ‘महात्मा गांधी की जय’ के नारे
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के विदाई भाषण पढ़ रहे थे, तब कुछ विपक्षी सदस्य ‘महात्मा गांधी की जय’ के नारे लगाते हुए देखे गए। निचली सदन की कार्यवाही स्थगित होने के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित थे। शीतकालीन सत्र की 15 बैठकों के दौरान सदन में दो राजनीतिक रूप से संवेदनशील बहसें हुईं – एक वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर और दूसरी चुनाव सुधारों पर।
आज संसद के शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन थाा। बीते दो दिनों की कार्यवाही के दौरान लोकसभा और राज्यसभा से अहम विधेयक पारित कराए गए। विपक्षी दलों के हंगामे के बीच पारित हुए विधेयकों को सरकार ने देश के विकास के लिए अहम बताया है। संसद में बहुमत के बल पर बिल पारित कराने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों ने कहा है कि अब वे जनता की लड़ाई सड़कों पर लड़ेंगे। विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
जब बिरला अपना विदाई बयान पढ़ रहे थे, तो कुछ सदस्यों को ‘महात्मा गांधी की जय’ के नारे लगाते सुना गया। जब कार्यवाही स्थगित की गई, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद रहे। शीतकालीन सत्र की 15 बैठकों के दौरान, सदन में दो राजनीतिक रूप से गरमागरम बहसें हुईं, जिनमें वंदे मातरम के 150 साल और चुनाव सुधारों पर चर्चा हुई।



