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कर्मश्री से ‘महात्मा गांधी’ होगा बंगाल में जॉब स्कीम का नाम, G RAM G बिल विवाद के बीच ममता का बड़ा ऐलान

संवाददाता

काेलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार अपने ग्रामीण जॉब गारंटी प्रोग्राम का नाम बदलकर महात्मा गांधी के नाम पर रखेगी. उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर 20 साल पुरानी MNREGA को VB-G RAM G स्कीम से बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

गुरुवार को बिजनेस और इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में बोलते हुए ममता बनर्जी ने सीधे बीजेपी का नाम लिए बिना कहा कि अगर कुछ पॉलिटिकल पार्टियां “हमारे नेशनल आइकॉन का सम्मान नहीं करती हैं. यह शर्म की बात है.”

उनकी यह घोषणा तब हुई, जब लोकसभा ने विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) के लिए गारंटी बिल पास किया, जो महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट, 2005 (MGNREGA) की जगह लेगा.

हम अब राष्ट्रपिता को भी भूल रहे… ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने धना धन्य ऑडिटोरियम में बिजनेस मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे शर्म आ रही है कि उन्होंने NREGA प्रोग्राम से महात्मा गांधी का नाम हटाने का फैसला किया है, क्योंकि मैं भी इसी देश से हूं. हम अब राष्ट्रपिता को भी भूल रहे हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “हम अब अपने राज्य की कर्मश्री स्कीम का नाम बदलकर महात्मा गांधी के नाम पर रखेंगे.” ‘कर्मश्री’ स्कीम के तहत, राज्य सरकार बेनिफिशियरी को 75 दिन तक काम देने का दावा करती है. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र MGNREGS के तहत फंड रोक रहा है.

ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य का लक्ष्य भविष्य में ‘कर्मश्री’ के तहत काम के दिनों की संख्या बढ़ाकर 100 करना है. उन्होंने कहा, “हमने ‘कर्मश्री’ के तहत पहले ही बहुत सारे काम के दिन बना दिए हैं, जिन्हें हम अपने रिसोर्स से चला रहे हैं. अगर केंद्र का फंड रोक भी दिया जाता है, तो भी हम यह पक्का करेंगे कि लोगों को काम मिले. हम भिखारी नहीं हैं.

नए बिल में क्या है?

MGNREGA स्कीम और लोकसभा में पास हुए जीरामजी बिल में ज्यादा फर्क नहीं है. जैसे, MGNREGA स्कीम के तहत, केंद्र सरकार बेनिफिशियरी को कम से कम 100 दिन काम की गारंटी देती थी, लेकिन, इस नए बिल में 125 दिन काम की गारंटी दी गई है.

इसके साथ ही, मोदी सरकार ने नए बिल में ग्रांट को लेकर भी कई बदलाव किए हैं. MGNREGA स्कीम में फाइनेंशियल ग्रांट की पूरी जिम्मेदारी केंद्र की थी, लेकिन, इस नए बिल में केंद्र सरकार खास केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर, हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को 60:40 के रेश्यो में पैसे देगी.

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