
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए प्रशासन ने प्रदूषण पर लगाम के लिए सख्त कदम उठाए हैं. इसके तहत BS6 मानक से नीचे की सभी पेट्रोल व डीजल गाड़ियों के दिल्ली में प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. आदेश के अनुसार BS4 व BS3 श्रेणी के पेट्रोल-डीजल वाहन अब राजधानी में दाखिल नहीं हो सकेंगे. हालांकि BS4 श्रेणी की सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों को इस प्रतिबंध से राहत दी गई है. उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जा रही है.
BS-6 वाली सभी गाड़ियों को एंट्री
BS-4 वाली सिर्फ पेट्रोल और CNG गाड़ियों को ही मिलेगी एंट्री
BS-4 डीजल गाड़ियां बैन
BS4 श्रेणी की दिल्ली में रजिस्टर पेट्रोल गाड़ियों को चलने की अनुमति है, लेकिन डीजल से चलने वाली दिल्ली में रजिस्टर्ड BS4 श्रेणी के वाहन को चलने की अनुमति नहीं है.
इस फैसले को सख्ती से लागू कराने के लिए दिल्ली की सभी प्रमुख सीमाओं पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी गई है. गाजीपुर, टिकरी, सिंघु, बदरपुर, चिल्ला, कापसहेड़ा, धौला कुआं समेत अन्य बॉर्डर पॉइंट्स पर दिल्ली पुलिस, ट्रैफिक पुलिस व ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की संयुक्त टीमें तैनात की गई हैं.
बॉर्डर पर हो रही सघन चेकिंग
बॉर्डर पर आने वाली दिल्ली से बाहर के राज्यों की गाड़ियां को रोककर उसकी आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) की जांच की जा रही है.

BS4 श्रेणी में डीजल से चल रही गाड़ियों की एंट्री भी बैन
गाजीपुर बॉर्डर पर चेकिंग कर रहे दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर मुनीम ने बताया कि प्रतिबंधित श्रेणी के वाहनों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चेकिंग के दौरान केवल BS4 श्रेणी के सीएनजी वाहनों को ही अनुमति दी जा रही है. यदि कोई गाड़ी दिल्ली नंबर की है और वह bs4 श्रेणी में डीजल से चल रही है तो उसे भी रोका जा रहा है. क्योंकि ऐसे वाहनों के चलने की अनुमति नहीं है.

PUC सर्टिफिकेट नहीं तो वाहनों के काटे जा रहे चालान
इसके अलावा जिन गाड़ियों के पास वैध ‘पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल’ (PUC) सर्टिफिकेट नहीं है, उन वाहनों के चालान भी काटे जा रहे हैं.
कई जगहों पर पुलिस की सघन चेकिंग
अधिकारियों के अनुसार दिल्ली से बाहर रजिस्टर्ड BS4 श्रेणी के वाहन बहुत कम दिल्ली में आ रहे हैं. जो भी वाहन बॉर्डर पर पहुंचे, जांच के बाद उन्हें वापस लौटा दिया गया. इतना ही नहीं, बॉर्डर के अलावा राजधानी के प्रमुख चौराहों व अंदरूनी इलाकों में भी ट्रैफिक पुलिस सघन जांच अभियान चला रही है. यदि कोई प्रतिबंधित वाहन नियमों को तोड़कर दिल्ली में प्रवेश कर जाता है तो उसके खिलाफ मौके पर ही चालान काटा जा रहा है.
प्रदूषण रोकने के लिए आज से ये नियम भी सख्त
प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार ने केवल वाहनों पर ही नहीं, बल्कि अन्य स्तरों पर भी कड़े फैसले लिए हैं. जिन वाहनों के पास वैध PUC सर्टिफिकेट नहीं है, उन्हें पेट्रोल पंपों पर ईंधन भी नहीं दिया जा रहा है. इसके साथ ही एक और अहम निर्णय के तहत दिल्ली के सभी सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों को अपने 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. इसका उद्देश्य सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करना, ट्रैफिक घटाना व सार्वजनिक परिवहन में भीड़ कम करना है.
दिल्ली के परिवहन मंत्री डॉ पंकज कुमार सिंह का कहना है कि ये सभी कदम आम लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं. अब ये देखना अहम होगा कि इन सख्त नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कितना सुधार आता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स किस हद तक बेहतर होता है.
दिल्ली में ‘नो PUC, नो पेट्रोल’ लागू, पेट्रोल पंप पर लगी वाहन चालकों की भीड़

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए एक अहम फैसला लिया है. सरकार के आदेश के अनुसार 18 तारीख से राजधानी दिल्ली में बिना वैध पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट वाले किसी भी वाहन को पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा. यह नियम टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और फोर-व्हीलर सभी वाहनों पर समान रूप से लागू होगा. इस फैसले के एक दिन पहले यानी 17 तारीख को दिल्ली के पेट्रोल पंपों और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट सेंटरों पर खासा असर देखने को मिला.
17 तारीख को दिल्ली के कई पेट्रोल पंपों के आसपास पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने वालों की लंबी कतारें नजर आईं. पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने आए श्रीकृष्ण ने बताया कि उनका PUC सर्टिफिकेट समाप्त हो चुका था. उन्होंने समाचार माध्यमों से सुना कि 18 तारीख से बिना सर्टिफिकेट पेट्रोल नहीं मिलेगा, इसलिए वे समय रहते सर्टिफिकेट बनवाने पहुंचे. वहीं राधेश्याम गर्ग ने बताया कि उनका पॉल्यूशन सर्टिफिकेट 17 तारीख को ही समाप्त हो रहा था. उन्होंने कहा कि वे एक जागरूक नागरिक हैं और नियमों का पालन करना अपना कर्तव्य मानते हैं. उन्हें मीडिया के जरिए इस नए नियम की जानकारी मिली और वे उसी के अनुसार सर्टिफिकेट बनवाने आए.
दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर मची अफरा-तफरी
पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने पहुंचे सुमित ने कहा कि मात्र ₹100 में एक साल के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बन जाता है, जिससे सालभर की टेंशन खत्म हो जाती है. उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों में डर पैदा करने के लिए जुर्माने की राशि ₹10,000 से बढ़ाकर ₹20,000 कर देनी चाहिए, ताकि लोग नियमों का और सख्ती से पालन करें. वहीं गुरदीप सिंह ने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह कदम जरूरी है. उनका मानना है कि सरकार नियम बनाती है, लेकिन उन्हें लागू करने की जिम्मेदारी आम जनता की भी है. अगर लोग खुद नियमों का पालन करेंगे तो ऐसे फैसले और प्रभावी साबित होंगे.



