
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर लूटने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये गिरोह ज्वैलरी शॉप को खासतौर पर निशाना बनाते थे. क्राइम ब्रांच ने हाल ही में करोल बाग इलाके में 1 किलो सोना लूटने वाले इस हाई-प्रोफाइल गिरोह का पर्दाफाश किया है. क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह के फरार चल रहे मुख्य आरोपी शेख अकरम को एक होटल से गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से 130.162 ग्राम चोरी का सोना और वारदात में इस्तेमाल की गई पल्सर बाइक बरामद की गई है.
27 नवंबर 2025 को करोल बाग स्थित एक ज्वैलरी वर्कशॉप में फिल्मी अंदाज में इनकम टैक्स का रेड पड़ा था. खास बात यह है कि यह रेड करने वाला कोई और नहीं बल्कि एक गिरोह था. ज्वैलरी वर्कशॉपर में 5 से 6 लोग अचानक घुसकर ग्राहकों को बाहर निकाल दिया था. इनमें से एक शख्स दिल्ली पुलिस की वर्दी में था और बाकी चार सिविल ड्रेस में थे, जिन्होंने खुद को इनकम टैक्स अधिकारी बताया.
लूट लिया था एक किलो सोना
इस गिरोह ने वर्कशॉप के मालिक और मजदूरों के मोबाइल छीन लिए और तलाशी के नाम पर वहां रखा लगभग 1 किलो ग्राम सोना हथिया लिया. खास बात यह है जाने से पहले शातिर बदमाशों ने वर्कशॉप में लगा CCTV का DVR भी निकाल लिया ताकि उनकी पहचान न हो सके.
ज्वैलरी शॉप में फर्जी इनकम टैक्स का रेड
दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद क्राइम ब्रांच को इस केस की जिम्मेदारी सौंपी गई. क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज होने के बाद 5 लोगों को पकड़ लिया था, लेकिन मदनगीर निवासी अकरम फरार था. क्राइम ब्रांच के डीसीपी विक्रम सिंह के निर्देश पर एक स्पेशल टीम बनाई गई. पुलिस को सूचना मिली कि अकरम पहचान छिपाकर दक्षिण दिल्ली में ठिकाने बदल रहा है. 14 दिसंबर को इंस्पेक्टर सुनील कुमार की टीम ने सी.आर. पार्क स्थित ‘मल्होत्रा बी एंड बी’ होटल के कमरा नंबर 201 में छापा मारकर उसे दबोच लिया.
मुखबिरी से मास्टरमाइंड तक का सफर
दिल्ली पुलिस की पूछताछ में पता चला कि अकरम पिछले 16-17 सालों से करोल बाग के ज्वैलरी दुकानों में काम करता था. उसे हर वर्कशॉप की अंदरूनी जानकारी थी. करीब 2-3 साल पहले अकरम की मुलाकात परमिंदर से हुई, जो एक सरकारी नौकरी में था. परमिंदर ने ही जल्द अमीर बनने के लिए अकरम से इनपुट लिए और इस फर्जी रेड की पूरी प्लानिंग की.
दिल्ली पुलिस ने 130.162 ग्राम सोना बरामद कर लिया है. इस वारदात में इस्तेमाल पल्सर बाइक भी दिल्ली पुलिस के कब्जे में है. यह मामला दिखाता है कि कैसे वर्कशॉप के अंदरूनी भेदियों का इस्तेमाल करके शातिर अपराधी कानून का मुखौटा ओढ़कर बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.



