
विशेष संवाददाता
बंगलुरू। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले साल कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले ‘वोट चोरी’ को लेकर जो बड़ा दावा किया था अब उसकी पुष्टि हो गई है. कर्नाटक सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी 22 हजार पन्नों की रिपोर्ट में राहुल गांधी की थ्योरी को सही ठहराया है. SIT ने इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें चार बार के बीजेपी विधायक सुभाष गुट्टेदार, उनके बेटे हर्षानंद गुट्टेदार और एक पूरा गिरोह शामिल है.
राहुल गांधी का खुलासा
राहुल गांधी ने दावा किया था कि कर्नाटक चुनाव में कॉल सेंटर और सॉफ्टवेयर की मदद से 6 हजार से अधिक वोट चोरी किए गए थे. उन्होंने कहा था कि ये वोटर्स के नाम सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके वोटर लिस्ट से डिलीट किए गए। राहुल ने यह खुलासा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया था, जिसके बाद कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने जांच के लिए SIT का गठन किया.
SIT की जांच में क्या निकला?
SIT की 22 हजार पन्नों की चार्जशीट में राहुल गांधी के कई दावे सही पाए गए. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि आलंद के महादेवपुरा से 6,018 नहीं बल्कि 5,994 वोटर्स के नाम ऑनलाइन वोटर लिस्ट से डिलीट किए गए थे. ये वे वोटर्स थे जिन्होंने कई चुनावों से वोट नहीं दिया था.
मास्टरमाइंड और तरीका
SIT ने इस ‘वोट चोरी’ के मास्टरमाइंड के रूप में बीजेपी विधायक सुभाष गुट्टेदार, उनके बेटे हर्षानंद गुट्टेदार और उनके पीए टिप्पेरुद्र का नाम बताया है.
इस काम को अंजाम देने वाले तीन नाम सामने आए अकरम पाशा, असलम पाशा और मोहम्मद अशफाक. इस गैंग ने चुनाव आयोग के ऑनलाइन पोर्टल NVSP का ऐप हैक करने वाला सॉफ्टवेयर बनाया.
ये गैंग आधार-लिंक्ड मोबाइल नंबरों में हेरफेर करके ‘फॉर्म-7’ भरते थे. उन्होंने OTP बाईपास करने की तकनीक का इस्तेमाल किया, जिससे वोटर्स को अपने नाम डिलीट होने की भनक तक नहीं लगी.
जांच में बंगाल के बापी आद्या का नाम भी आया, जो ओटीपीबाजार नाम की वेबसाइट चलाता था. यह वेबसाइट OTP बाईपास की सुविधा देती थी. पाशा गैंग को हर वोट डिलीट करने के लिए 80 रुपये दिए गए थे, जिसके लिए कुल 4.8 लाख रुपये का पेमेंट हुआ था.
अब तक की कार्रवाई
SIT ने यह रिपोर्ट कलबुर्गी की सिटी ACMM कोर्ट में सौंप दी है और कुल 7 लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की हैय बीजेपी नेता सुभाष गुट्टेदार और हर्षानंद गुट्टेदार अग्रिम जमानत ले चुके हैं.
ओटीपीबाजार चलाने वाले बापी आद्या को पहली गिरफ्तारी के बाद जमानत मिल चुकी है. चार्जशीट में 200 से ज्यादा गवाहों के बयान, कॉल रिकॉर्ड्स, बैंक ट्रांजेक्शन, OTP लॉग्स और फॉर्म-7 जैसे डिजिटल सबूत शामिल हैं.
चुनाव आयोग ने पहले किया था इनकार
राहुल गांधी के आरोपों के तुरंत बाद चुनाव आयोग ने बयान जारी कर कहा था कि किसी भी वोटर का नाम ऑनलाइन तरीके से नहीं हटाया जा सकता और आलंद में किसी भी वोटर का नाम गलत तरीके से नहीं काटा गया है. हालांकि, सरकारी जांच से अब आरोपों की पुष्टि हुई है.
राहुल गांधी वोट चोरी के इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं और इसे बीजेपी की ‘चोरी’ बताते हुए चुनाव आयोग पर शह देने का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में जोरदार रैली करके बिगुल फूंका है कि वह इस मुद्दे को छोड़ने वाले नहीं हैं.



