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बिहार के लगभग सभी एक्जिट पाेल में एनडीए को बंपर बहुमत, महागठबंधन फिर सत्ता से दूर

देखना है की ये तमाम सर्वे कितने सही साबित होते हैं

संवाददाता

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद आए लगभग सभी सर्वेक्षणों (एग्जिट पोल) में संभावना जताई गई है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रचंड बहुमत के साथ एक बार फिर सरकार बना सकता है। अगर, असल नतीजे भी चुनाव बाद आए इन सर्वेक्षणों के आंकड़ों की तरह रहते हैं तो एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के ‘महागठबंधन’ के लिए सत्ता दूर की कौड़ी साबित होगी।

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राजग में जनता दल-यूनाइटेड (जदयू), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तान अवामी मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) शामिल हैं। बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं । यहां बहुमत का आंकड़ा 122 है। राज्य में इस समय NDA की सरकार है। दूसरी ओर विपक्ष में RJD, कांग्रेस, लेफ्ट और VIP का महागठबंधन है। दोनों गठबंधनों ने चुनाव प्रचार में अपनी-अपनी जीत का दावा किया है। अब देखना है कि एग्जिट पोल में सर्वे एजेंसियां कितना खरे उतरते है।

कुछ प्रमुख सर्वे पर नजर डाले ताे……

‘मैट्रिज’ के सर्वेक्षण के अनुसार, राजग 147 से 167 सीटों के साथ दो तिहाई बहुमत
महागठबंधन को 70 से 90 सीटें मिल सकती हैं, जन सुराज को शून्य से दो सीट
‘दैनिक भास्कर’ एग्जिट में राजग को 145 से 160 सीटें मिल सकती हैं
महागठबंधन को 73 से 91 सीटें ही मिलने का अनुमान
‘चाणक्या स्ट्रेटजीज’ के एग्जिट पोल में राजग 130 से 138 सीटों का अनुमान
महागठबंधन को 100 से 108 सीटे मिल सकती हैं
अन्य को तीन से पांच सीट मिलने का अनुमान जताया गया

इस बार ज्यादा वोटिंग होने की वजह से एग्जिट पोल को लेकर लोगों में क्यूरियोसिटी काफी थी। हर कोई जानना चाहता था कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता बरकरार रखने में कामयाब होते हैं या फिर तेजस्वी यादव की ताजपोशी होगी। वैसे, बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना 14 नवंबर को होगी।

1951 के बाद से अब तक का सबसे ज्यादा मतदान- CEC

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार चुनाव पर कहा कि बिहार के मतदाताओं ने 1951 से अब तक हुए सभी चुनावों में सर्वाधिक प्रतिशत वोटिंग की, जो लगभग 66.9% है। हमारी माताओं और बहनों ने चुनाव आयोग पर पूरा भरोसा जताया है और 1951 से अब तक हुए सभी चुनावों में सबसे ज्यादा 71% मतदान दर्ज किया है। बिहार में हुए इन पारदर्शी और शांतिपूर्ण चुनावों ने पूरे भारत को राह दिखाई है। चुनाव आयोग हमेशा अपने मतदाताओं के साथ खड़ा था, खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा।

दूसरे चरण में करीब 70 प्रतिशत मतदान

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में मंगलवार को रिकॉर्ड 68.90 प्रतिशत (अंतिम) मतदान हुआ, जिसके साथ ही एक माह से अधिक चला चुनावी महासंग्राम समाप्त हो गया। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने ‘सुशासन’ के नाम पर वोट मांगा, जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने ‘बदलाव’ का आह्वान किया। दोनों चरणों को मिलाकर कुल औसत मतदान 66.90 प्रतिशत रहा, जो पिछले चुनाव से लगभग 9.6% अधिक है। अब सबकी निगाहें 14 नवंबर के नतीजों पर टिकी हैं। ये नतीजे तय करेंगे कि बिहार के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक और कार्यकाल मिलेगा, या तेजस्वी यादव सत्ता की कमान संभालेंगे, जिन्होंने मौजूदा शासन को ‘खटारा गाड़ी’ बताया था।

दाे सर्वे में तेजस्वी के लिए खुशखबरी

एआई पॉलिटिक्स के एग्जिट पोल में महागठबंधन और एनडीए के बीच कांटे की टक्कर बताई गई है। एनडीए को 121 मिलती दिखाई गई हैं। जबकि महागठबंधन को 119 सीटें मिलने की संभावना है। अन्य को 3-5 सीटें। इसी तरह सभी सर्वे से अलग Journo Mirror के अनुसार, महागठबंधन को इस बार 130 से 140 सीटें मिल सकती हैं, जबकि NDA को सिर्फ 100 से 110 सीटों तक सीमित बताया गया है। यह अनुमान बाकी सभी सर्वे से बिल्कुल उलटा है। इस सर्वे में दावा किया गया है कि जनता इस बार बदलाव के मूड में है और राज्य में एक नया समीकरण बन सकता है। अब देखना है की ये तमाम सर्वे कितने सही साबित होते हैं।

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