
संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली में गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व उत्साह के साथ मनाया गया. राजधानी के सभी गुरुद्वारों में सुंदर सजावट की गई है. गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं का तांता लगा है. जगह-जगह कीर्तन दरबार सजाए गए. गली-मोहल्लों में गुरु बाणी के मधुर स्वर गूंजते रहे. गुरुद्वारों में लंगर का आयोजन किया गया, जहां हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया.
छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी गुरु नानक देव के उपदेशों और उनके दिखाए मार्ग पर चलते नजर आए. शहर के अलग-अलग इलाकों में भव्य नगर कीर्तन निकाले गए, जिनमें सिख समुदाय के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोग भी शामिल हुए. इसी क्रम में झिलमिल स्थित सिख गुरुद्वारा सिंह सभा के नगर कीर्तन में गुरुद्वारा बंगला साहिब से आए पांच प्यारों ने विशेष सेवाएं दी.
नगर कीर्तन के दौरान सेवादार अंग्रेज सिंह ने बताया कि गुरु नानक देव जी ने सदैव सत्य बोलने, गुरबाणी पढ़ने और ईश्वर की भक्ति में ध्यान लगाने का संदेश दिया. उन्होंने कहा, “गुरु नानक जी ने हमें सिखाया कि सच के रास्ते पर चलना ही असली धर्म है. आज जब छोटे-छोटे बच्चे भी इस परंपरा में भाग ले रहे हैं, यह हमारे समाज और संस्कृति के लिए गर्व की बात है.”

श्रद्धालु हरजीत सिंह गिल ने बताया, ”वे गुरु नानक देव जी के उस उपदेश से सबसे अधिक प्रभावित हैं जिसमें उन्होंने कहा था, मेहनत की कमाई करो और उसे दूसरों के साथ बांटकर खाओ. यह संदेश आज के समय में भी उतना ही प्रासंगिक है, जब समाज में एकता और मानवता की भावना को मजबूत करने की जरूरत है.”

वहीं, एक अन्य श्रद्धालु दलजीत सिंह ने कहा कि गुरु नानक जयंती केवल सिख समुदाय का नहीं बल्कि पूरे समाज का पर्व बन चुका है. जब नगर कीर्तन शहर की सड़कों से गुजरता है, तो हर धर्म और वर्ग के लोग श्रद्धा भाव से सेवा में शामिल होते हैं. उन्होंने कहा,“ गुरु नानक देव जी ने सबको समानता, प्रेम और सच्चाई का मार्ग दिखाया, उनकी शिक्षाएं आज भी मानवता को दिशा देती है.




