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बार चुनाव: एल्डर कमेटी के नए चेयरमेन ने दिए आदेश, नामांकन वाले दिन ही लगेगी वोटर लिस्ट

संवाददाता

गाजियाबाद । बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव को लेकर एक पक्ष द्वारा मतदान की तिथि घोषित करने के बाद भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। एल्डर कमेटी के नए चेयरमेन की घोषणा भी हो गई। मगर इसका ज्यादा लोगों को पता नहीं चला। एक ही दिन 10 नवंबर वोटर लिस्ट भी चस्पा की जाएगी और नामांकन भी उसी दिन होगा। 11 नवंबर को नाम वापसी की जा सकेगी और उसी दिन प्रत्याशियोंकी अंतिम घोषणा कर दी जाएगी। अभी तक अध्यक्ष पद पर पांच व सचिव पद को करीब आधा दर्जन नाम सामने आए है।

दावेदारों ने अपना चुनावी प्रचार भी शुरू कर दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष सक्सेना का कहना है कि वकीलो की जनरल बोर्ड कमेटी के बाद उन्हें बार एल्डर कमेटी का चेयरमेन चुना गया है। जिससे बाद कई बार उन्होंने चुनाव कराने का नोटिस दे दिया था। लेकिन नोटिस का सही उत्तर ना मिलने का कारण चुनाव में देरी का कारण बना रहा है। अब चुनाव की पूरी तैयारी कर ली गई है। |

11 तारीख को नामकंन होना है उससे बाद 14 तारीख को चुनाव के बाद बार को नया अध्यक्ष बन जाएगा। एल्डर कमेटी के पूर्व चेयरमेन देशराज सिहं नागर का कहना है कि बार का चुनाव जुलाई माह में होना था जो कराया नही गया जनरल बैठक में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने के कारण सुभाष चंद सक्सेना को एल्डर कमेटी का चेयरमेन चुना गया है। अब सभी चाहते हैं बार का चुनाव हो। जो भी बार का अध्यक्ष चुना जाए उसे बार का हित में काम करना चाहिए ना की निजी स्वार्थ में अपना हित करे।

निष्कासित सदस्यों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल होने पर जताई आपत्ति

बार चुनाव में अध्यक्ष प्रत्याशी अधिवक्ता हरिओम शर्मा, भारत भूषण एवं सचिव पद के प्रत्याशी संजय गांधी ने आज चस्पा की गई मतदाता सूची पर गहन आपत्ति दर्ज कराई है। एल्डर कमेटी के चेयरमेन एससी सक्सेना के समक्ष दर्ज आपत्ति में कहा गया है कि बार प्रांगण में चस्पा सूची वर्ष 2024-25 की है। इसमें बार के निष्काासित सदस्यों का नाम भी शामिल किया गया है। राकेश त्यागी कैली, सुबोध त्यागी रावली, वीरेन्द्र त्यागी, राजीव त्यागी, सुबोध त्यागी, योगेन्द्र त्यागी, सामेश त्यागी, प्रियांक त्यागी, नितिन चंदेला, प्रामेद शर्मा, रोहित गोला के नाम मतदाता सूची में रखे गए हैं, जबकि इनका निष्कासन वापस नहीं किया गया है। आरोप लगाया गया है अपनी पसंद के प्रत्याशी को लाभ पहुंचाने के लिए चार सौ अधिवक्ताओं को मतदाता सूची से बाहर रखा गया है।

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