
संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों के एक मामले में छह आरोपियों को दोषी करार देते हुए छह महीने से लेकर तीन साल की सजा सुनाई है. एडिशनल सेशंस जज प्रवीण सिंह ने हर दोषी पर 61-61 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने जिन लोगों को दोषी करार देकर सजा सुनाई है उनमें हरिओम गुप्ता, गोरख नाथ, भीम सैन, कपिल पांडेय, रोहित गौतम और बसंत कुमार शामिल हैं.
कोर्ट ने इन सभी को भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 435 और 450 के तहत दोषी करार दिया था. कोर्ट ने कहा कि किसी भी दोषी का न तो दंगे के पहले का कोई आपराधिक इतिहास रहा है और न दंगे के बाद का. ये तथ्य बताता है कि दोषियों में सुधार की गुंजाइश है, इसलिए उन्हें संबंधित धाराओं के तहत अधिकतम सजा नहीं दी जाए. हालांकि कोर्ट ने दोषियों के वकीलों की ओर से उनके लिए उदारता की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि उन्हें केवल जुर्माना लगाकर नहीं छोड़ा जा सकता है, क्योंकि ये सजा के भी हकदार हैं.
ये हैं पूरा मामला
इस मामले में खजूरी खास पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. सादतपुर में दुकान चलाने वाले वकील अहमद ने शिकायत की कि 25 फरवरी 2020 को उनकी दुकान को दंगाईयों की भीड़ ने लूट कर जला दिया. शिकायतकर्ता के मुताबिक उनकी दुकान लूटने और आग लगने की वजह से उन्हें करीब डेढ़ लाख रुपये का नुकसान झेलना पड़ा. इस मामले में कोर्ट ने 11 सितंबर को सभी छह आरोपियों को दोषी करार दिया था. इस मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह हेड कास्टेबल संदीप ने वीडियो को देखकर आरोपियों की पहचान की थी.



