संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद के पुलिस महकमे में इन दिनों एक लेटर की चर्चा जोरों पर हो रही है। यह लेटर एडिशनल पुलिस कमिशनर आलोक प्रियदर्शी की ओर से यातायात विभाग के सभी पुलिसकर्मियों को लिखा गया है। लेटर में कहा गया है कि यातायात पुलिस कर्मचारियां की रिपोर्ट लिखवाकर अधिकारियों द्वारा निस्तारण के लिए पांच हजार रुपए की डिमांड की जांच की जा रही है। इसके लिए यदि कोई यातायात पुलिसकर्मी अपना बयान दर्ज कराना चाहता है या इस संबंध में कोई जानकारी देना चाहता है तो किसी भी कार्य दिवस पर अपना बयान दर्ज करा सकता है। जानकारी देने वाले का नाम और पता गोपनीय रखा जाएगा।
दरअसल, कमिश्नरेट गाजियाबाद की यातायात पुलिस के एक एसीपी रैंक के अधिकारी पर रिश्वत मांगने और भ्रष्टाचार के आरोप लगे है। आरोप है कि पुलिसकर्मियों की रपट लिखने के बाद उसका निस्तारण करने के नाम पर 5 हजार रुपये मांगे गए है। यातायात पुलिस कर्मियों ने इसकी शिकायत डीजीपी कार्यालय और कमिश्नर से कर दी।
पुलिसकर्मियों ने शिकायत में आरोप लगाया है कि गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस में कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, टीएसआई और इंस्पेक्टर रैक के अधिकारी की पूर्व में रपट लिखी गई। यह एक तरह से गैर हाजिरी होती है, जो ड्यूटी से नदारद रहने या लेट पहुंचने पर लिखी जाती है। इसकी जांच एसीपी स्तर के अधिकारी करते हैं। इस रपट के आधार पर लाइन हाजिर या सस्पेंड तक की कार्रवाई हो सकती है। शिकायत में कहा गया है कि रपट लिखने के बाद उसका निस्तारण करने के नाम पर पांच हजार रुपये की मांग की जाती है। यह पैसा ऑफिस में लिया जाता है।



