
संवाददाता
गाजियाबाद। जूना अखाडे के महामंडलेश्वर और डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने एक बार फिर से मौलानाओं को उनके साथ इस्लाम पर चर्चा करने की चुनौती दी है। यति ने कहा कि वे फरवरी में देवबंद में धर्म संसद का आयोजन करने जा रहे हैं, अगर मौलाना और मौलवी उनसे इस्लाम पर शास्त्रार्थ करना चाहते हैं तो वहां आ जाए।
उन्होंने कहा कि इस्लामिक जिहाद और तालिबान को लेकर फरवरी में देवबंद में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। 6 और 7 सितंबर 2013 को देवबंद में ही पहली धर्म संसद हुई थी। तब भी मौलाना और मौलवियों को आमंत्रित किया गया था लेकिन उनके साथ चर्चा के लिए कोई नहीं आया।
यति नरसिंहानंद देवबंद में महाकालेश्वर ज्ञान मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती महाराज की समाधि पर धर्म संसद का संकल्प लिया।
यति ने कहा कि ब्रह्मानंद सरस्वती महाराज के आदेश पर कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनवाने और इस्लामिक जिहाद पर सरकार से श्वेत पत्र मांगा था। जिसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा था। उनके समर्थन में पूरे सहारनपुर का नौजवान उमड़ पड़ा था। आज ये मुद्दे तो कहीं खो गए है।
उन्होंने कहा कि उन्हें बार बार प्रताड़ित और अपमानित किया जा रहा है परंतु वो अपने गुरु के द्वारा दी गई लड़ाई से बाल बराबर भी पीछे नहीं हट रहे हैं।
यति ने कहा कि यह धर्म संसद दारुल उलूम देवबंद और तालिबान के बढ़ते हुए प्रभाव का संपूर्ण मानवता और हिंदू समाज पर होने वाले प्रभाव पर चिंतन करेगी। यह धर्म संसद इस विषय में भी चिंतन करेगी कि इस्लामिक गुलामी आने पर हमारा भविष्य कैसा होगा और इस्लामिक भारत का संपूर्ण विश्व और मानवता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।



