
संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसके तार दुबई और थाईलैंड से जुड़ी हैं. सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड कोई साधारण अपराधी नहीं, बल्कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स से बर्खास्त इंस्पेक्टर रोहित कुमार शर्मा है. पुलिस ने उसे 21.5 किलो हाइड्रोपोनिक मारिजुआना के साथ गिरफ्तार किया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 27 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
अपराध शाखा के अधिकारियों ने बताया कि रोहित को जनकपुरी स्थित जनक सिनेमा के पास से पकड़ा गया है. वह ड्रग्स की खेप सौंपने की तैयारी में जुटा था. तलाशी में उसके पास से 44 लाख रुपये नकद, एक कार व एक स्कूटी भी बरामद हुई है. पूछताछ में पता चला है कि यह खेप थाईलैंड से मंगाई गई थी और दिल्ली, मुंबई समेत देश के कई बड़े शहरों में इसकी सप्लाई की जा रही थी.
थाईलैंड से भारत तक ड्रग की हाई-टेक खेती
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार हाइड्रोपोनिक मारिजुआना कोई साधारण भांग नहीं होती है. इसे नियंत्रित तापमान और तकनीकी साधनों से उगाया जाता है, जिससे इसकी नशे की क्षमता सामान्य मारिजुआना से करीब 10 गुना अधिक होती है. यह हाई-प्रोफाइल पार्टी सर्किल्स, रेव पार्टियों व ऑनलाइन नेटवर्क के जरिए धनी वर्ग तक पहुंचाई जा रही थी.

सीमा शुल्क अधिकारी से अब अंतरराष्ट्रीय ड्रग कनेक्शन
पुलिस के मुताबिक रोहित ने 2015 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग (CBEC) में अधिकारी के रूप में जॉइन किया था. लेकिन 2019 में केरल के कन्नूर एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी के मामले में वह पकड़ा गया था. इसके बाद विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर वर्ष 2023 में उसे बर्खास्त कर दिया गया. बर्खास्तगी के बाद वह दुबई चला गया, जहां उसकी मुलाकात बिहार के एक तस्कर अभिषेक से हुई. दोनों ने मिलकर थाईलैंड से ड्रग्स मंगाकर भारत में बेचने की योजना बनाई. इसके लिए रोहित ने अपने पुराने सीमा शुल्क विभाग के संपर्कों का इस्तेमाल किया.
ड्रग मनी के लिए क्रिप्टो व हवाला का इस्तेमाल
क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजीव यादव ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला है कि ड्रग्स की बिक्री से कमाई गई रकम हवाला व क्रिप्टोकरेंसी के जरिए दुबई भेजी जा रही थी. पुलिस अब उन बैंक खातों व डिजिटल वॉलेट्स की जांच कर रही है, जिनसे करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए हैं.
अंतरराष्ट्रीय तस्करी का बड़ा जाल
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजीव यादव के मुताबिक यह गिरोह भारत, थाईलैंड और दुबई के बीच एक संगठित नेटवर्क की तरह काम कर रहा था. इस नेटवर्क में कुछ विदेशी नागरिकों के भी शामिल होने की उम्मीद है. फिलहाल पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है. संपर्कों की ट्रेसिंग, बैंकिंग रूट व डिजिटल ट्रांजेक्शनों की जांच की जा रही है. इस गोपनीय ओप्रेशन को डीसीपी संजीव कुमार यादव के निर्देश और एसीपी संजय कुमार नागपाल के निर्देशन में इंस्पेक्टर मान सिंह, अरविंद सिंह एवं सुंदर गौतम ने अपनी टीम के साथ अंजाम दिया।



