
संवाददाता
नोएडा। एसटीएफ नोएडा यूनिट ने उद्यमियों और बिल्डरों के खिलाफ ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग, जीडीए, रेरा और ईओडब्ल्यू में झूठी शिकायतें दर्ज करवाकर रंगदारी वसूलने वाले गिरोह के तीन सदस्याें को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान दिल्ली के दरियागंज निवासी अंकुर गुप्ता गुप्ता (52) और शास्त्री नगर निवासी नरेंद्र धवन व बेटे हरनाम धवन के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से एसटीएफ ने चार मोबाइल, 62720 रुपये, एक अमेरिकी डॉलर, फर्जी आधार कार्ड और 17 डाक रसीदें बरामद की हैं। आरोपी तीन साल में दिल्ली-एनसीआर के करीब 25 से अधिक बिल्डरों से करोड़ों रुपये ठग चुके हैं।
एसटीएफ के मुताबिक, 12वीं पास अंकुर गुप्ता ने पूछताछ में बताया है कि उसका दरियागंज, दिल्ली में कपड़े का कारोबार था लेकिन कर्ज और बैंक की कार्रवाई के कारण काम ठप हो गया। इसी दौरान उसे पता चला कि झूठी शिकायतें कर उद्यमियों व बिल्डरों को परेशान करने से वह बचाव के लिए रकम देने पर मजबूर हो जाते हैं। धीरे-धीरे उसने संगठित गिरोह बनाया और कुछ कथित स्वतंत्र पत्रकारों व छोटे अखबार चलाने वालों को लालच देकर साथ मिला लिया। इसके बाद गाजियाबाद-नोएडा के साया बिल्डर से पहले 15 करोड़ रुपये की रंगदारी की मांगी। जब बिल्डर ने असमर्थता जताई तो रंगदारी की रकम घटाकर पांच करोड़ कर दी गई। आरोपियों ने पांच लाख रुपये से अधिक की रकम वसूली और शेष के लिए दबाव बनाने लगे।
हरनाम वर्ष-2021 में दिल्ली के वसंत कुंज थाने में दर्ज एक दुष्कर्म के मामले में जेल जा चुका है। अब तीनों आरोपियों के खिलाफ थाना इंदिरापुरम गाजियाबाद में बीएनएस की धारा-308, 351(2), 61(2), 318(2), 336(3), 338, 340(2) मुकदमा दर्ज किया गया है। इस गिरोह से प्रभावित अन्य पीड़ितों और मकान मालिकों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। उनकी शिकायतों को जांच में शामिल किया जाएगा। तीनों आरोपियों के खिलाफ थाना इंदिरापुरम पुलिस आगे की कार्रवाई रही है। साथ ही, कथित स्वतंत्र पत्रकारों की भूमिका की जांच की जा रही है। इसके अलावा किस-किस से कितने पैसे ठगे इसकी जानकारी जुटा रही है।
दिल्ली अपटूडेट नाम से यूट्यूब चैनल बनाया

नोएडा के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्र ने बताया कि अंकुर ने ‘दिल्ली अपटूडेट’ नाम से यूट्यूब चैनल और अखबार चलाने वाले नरेंद्र धवन व हरनाम के साथ मिलकर बिल्डरों व उद्यमियों के खिलाफ ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग, जीडीए, रेरा और ईओडब्ल्यू आदि विभागों में झूठी शिकायतें दर्ज करवाईं। बाद में उन्हीं शिकायतों को आधार बनाकर समाचार प्रकाशित और प्रसारित किए। इससे कारोबारी बदनामी से बचने और कामकाज सुचारु रखने के लिए रंगदारी देने को मजबूर होने लगे।
हजारों खरीदारों को मकान मिलने में हुई देर
एसटीफ के मुताबिक, गिरोह के निशाने पर करोलबाग, दिल्ली स्थित यूनिटी ग्रुप का द अमैरिल्स, गाजियाबाद के शिप्रा और साया बिल्डर, इंदिरापुरम का हार्मनी प्रोजेक्ट और ग्रेनो केशवकुंज प्रोजेक्ट थे। इनके खिलाफ झूठी शिकायतों के कारण प्रोजेक्ट लटक गए और हजारों खरीदारों को मकान मिलने में देरी हुई। इससे बिल्डरों की साख पर भी गहरा असर पड़ा।



