
संवाददाता
नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के अध्यक्ष पद के चुनाव को रद्द करने वाली याचिका पर दिल्ली यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया है. जस्टिस मिनी पुष्करणा की बेंच ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया कि वो चुनाव और मतगणना के दौरान इस्तेमाल किए गए ईवीएम, उसके पेपर ट्रेल और उससे जुड़े दस्तावेजों को सुरक्षित स्थान पर ताला बंद कर रखें. सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से पेश वकील मोहिंदर रुपल ने कहा कि किसी ने अपना अंगूठा लगा दिया था, लेकिन कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है.
याचिका डूसू के पूर्व अध्यक्ष और छात्र संगठन एनएसयूआई के नेता रौनक खत्री ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि डूसू चुनाव के दौरान ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ की गई है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याचिका में विशेष आरोप लगाए गए हैं लेकिन अध्यक्ष पद पर विजयी उम्मीदवार को पक्षकार नहीं बनाया गया है. बता दें कि डूसू के इस साल हुए चुनाव में छात्र संगठन ने केंद्रीय पैनल के तीन सीटों पर कब्जा किया है, जबकि एनएसयूआई को एक सीट से संतोष करना पड़ा है.
महंगी गाड़ियों के इस्तेमाल पर भी भड़का था हाईकोर्ट
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट 19 सितंबर को डूसू चुनाव प्रचार के दौरान लग्जरी गाड़ियों के इस्तेमाल पर गहरी नाराजगी जताई थी. चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने स्थिति को “दर्दनाक” बताते हुए कहा था, “यह बहुत दुखद है. यह न सिर्फ स्थिति पर बल्कि समाज और हमारे लोकतांत्रिक तंत्र के कामकाज पर एक गंभीर टिप्पणी है. यहां तक कि शैक्षणिक संस्थानों के लोकतांत्रिक कामकाज पर भी सवाल खड़े करता है. छात्र संघ चुनावों में इस तरह का दिखावटी अभियान, जेसीबी और बड़ी गाड़ियों का इस्तेमाल, इससे बुरा क्या हो सकता है. यह हमारे लिए अकल्पनीय है.”



