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दिल्ली की सड़कों को आधुनिक स्ट्रीट लाइटों से बदलने की तैयारी, 15 साल बाद एक साथ लगेंगी 45 हजार लाइटें

यह परियोजना दिल्ली सरकार के "दिल्ली को सुरक्षित और स्मार्ट शहर बनाने" के विजन का हिस्सा है.

संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने शहर की सुरक्षा और सुंदरता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण परियोजना की घोषणा की. इस परियोजना के तहत, पूरी दिल्ली में 45 हजार नई स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी. यह कदम न केवल रात में सड़कों को रोशन करेगा, बल्कि इससे दुर्घटनाओं और आपराधिक गतिविधियों में भी कमी आने की उम्मीद है. इससे पहले अक्टूबर 2010 में दिल्ली में संपन्न हुए राष्ट्रमंडल खेल के दौरान इतने बड़े पैमाने पर दिल्ली में स्ट्रीट लाइट बदली गई थी.

पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा; ”इससे शहर की प्रकाश व्यवस्था में बदलाव आएगा, क्योंकि इसमें कम बिजली की खपत और लाइटों के ऑन-ऑफ करने में पारदर्शिता आएगी. प्रत्येक एलईडी स्मार्ट स्ट्रीट लाइट को एक सेंट्रलाइज्ड डैशबोर्ड से जोड़ा जाएगा और एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से नियंत्रित किया जाएगा.” पीडब्ल्यूडी विभाग का कहना है कि इससे अधिकारियों और आम लोगों दोनों को लाइटों की निगरानी करने, खराबी का जल्दी पता लगाने और तुरंत मरम्मत सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. प्रवेश वर्मा का कहना है कि सरकार निजी कंपनियों को मासिक भुगतान तभी करेगी जब लाइटें पूरी तरह से चालू हो जाएंगी.

यह परियोजना दिल्ली सरकार के
यह परियोजना दिल्ली सरकार के “दिल्ली को सुरक्षित और स्मार्ट शहर बनाने” के विजन का हिस्सा है.

 

परियोजना का उद्देश्य और महत्व

यह परियोजना दिल्ली सरकार के “दिल्ली को सुरक्षित और स्मार्ट शहर बनाने” के विजन का हिस्सा है. कई इलाकों में, खासकर बाहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में, स्ट्रीट लाइटों की कमी एक बड़ी समस्या रही है. इन क्षेत्रों में अंधेरे के कारण महिलाओं और बच्चों को असुरक्षित महसूस होता था. नई लाइटों के लगने से यह समस्या काफी हद तक हल होगी. इसके अलावा, रात में सड़कों पर बेहतर दृश्यता होने से वाहनों की गति नियंत्रित रहेगी और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.

दिल्ली की सड़कों को आधुनिक स्ट्रीट लाइटों से बदलने की तैयारी, 15 साल बाद एक साथ लगेंगी हज़ारों लाइट
दिल्ली की सड़कों को आधुनिक स्ट्रीट लाइटों से बदलने की तैयारी, 15 साल बाद एक साथ लगेंगी हज़ारों लाइट

 

एलईडी स्ट्रीट लाइट की रियल टाइम मॉनिटरिंग

लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों पर लगाई जाने वाली 45 हजार एलईडी लाइट को सोडियम स्ट्रीट लाइटों से बदला जाएगा और इसकी रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी. यह परियोजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी. पहले चरण में, उन सड़कों और इलाकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां स्ट्रीट लाइटों की सबसे ज्यादा कमी है या जहां अक्सर दुर्घटनाएं और अपराध होते हैं. इनमें आउटर रिंग रोड, रिंग रोड, और NH-44 जैसे प्रमुख राजमार्ग शामिल हैं. इसके अलावा, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली के कुछ आवासीय क्षेत्रों में भी नई लाइटें लगाई जाएंगी.

दिल्ली सरकार का मानना है कि यह कदम “रात की अर्थव्यवस्था” को भी बढ़ावा देगा. जब सड़कें सुरक्षित और रोशन होंगी, तो लोग देर रात तक बाहर निकल सकेंगे, जिससे रेस्तरां, दुकानें और अन्य व्यवसायों को फायदा होगा. बता दें कि वर्तमान में, दिल्ली में पीडब्ल्यूडी की 96 हजार स्ट्रीट लाइटों में से लगभग 45 हज़ार में अभी भी पुरानी सोडियम वेपोराइज़र फिटिंग का उपयोग किया जा रहा है. इसकी जगह स्मार्ट एलईडी लाइट लगाने से बिजली और रखरखाव लागत में सालाना 31.53 करोड़ रुपए की कमी आने की उम्मीद है. पीडब्ल्यूडी मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार वित्तीय बोझ कम करने के लिए स्ट्रीट लैंप के खंभों पर नियमित विज्ञापन लगाने सहित राजस्व विकल्पों पर भी विचार कर रही है.

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