
संवाददाता
नई दिल्ली। पहलगाम हमले के आतंकियों को ढेर करने के बाद जांच एजेंसियां अब आतंकी संगठनों की कमर तोड़ने में जुट गई हैं. जांच एजेंसियों ने लश्कर से जुड़े आतंकी संगठन टीआरएफ को विदेश से मिली टैरर फंडिंग (TRF Terror Funding) पर बड़ा खुलासा किया गया है. TRF के फंडिंग चैनल और सीक्रेट साजिश का भी पर्दाफाश किया है. इसके सुराग पाकिस्तान, खाड़ी देशों और मलेशिया से जुड़े पाए गए हैं. जांच में पता चला है कि मलेशिया के रहने वाले यासिर हयात के जरिए संगठन को करीब 9 लाख रुपये की फंडिंग मिली है.
NIA ने टैरर फंडिंग का किया पर्दाफाश
एनआईए को 463 फोन कॉल्स की जानकारी मिली है. जिनका लिंक भारत विरोधी तत्वों और आतंकवाद समर्थकों से है. मोबाइल डेटा, सोशल मीडिया चैट्स, बैंक ट्रांजैक्शन और कॉल रिकॉर्ड्स से अहम बातें पता चली हैं. इसके तार साजिद मीर जैसे आतंकी नेटवर्क से जुड़े पाए गए हैं. बता दें कि साजिद लश्कर-ए-तैयबा का मोस्टवांटेड आतंकी है.
TRF को कौन कर रहा टैरर फंडिंग
पिछले महीने TRF की फॉरेन टेरर फंडिंग को लेकर NIA ने श्रीनगर और हंदवाड़ा में भी छापेमारी की थी. इस दौरान
टेरर फंडिंग से जुड़े कई अहम दस्तावेज मिले थे. इतना ही नहीं अकाउंट और फंडिंग के सोर्स के बारे में भी पुख्ता जानकारी मिली थी . टेरर फंडिंग का ये केस NIA जम्मू-कश्मीर पुलिस से मई 2025 में टेकओवर किया था
TRF ने किया था पहलगाम में आतंकी हमला
टीआरएफ की स्पेशल हिट स्क्वॉड हमलाकर हिट एंड रन की रणनीति के तहत पहाड़ों में छिपने में माहिर है. इसकी फॉल्कन स्क्वॉड को ऐसे हमलों का टॉस्क सौंपा जाता है.लश्कर ए तैयबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ ने इसी तरह पहलगाम में हमला किया था.
लश्कर ए तैयबा का मुखौटा है टीआरएफ
TRF की स्थापना अक्टूबर 2019 में हुई थी.TRF को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अस्तित्व में लाया गया. द रेजिस्टेंस फ्रंट लश्कर-ए-तैयबा ने इसे जम्मू-कश्मीर में स्पेशल ऑपरेशन के लिए तैयार किया था. पाकिस्तानी सेना और ISI से टीआरएफ को मदद मिलती है. TRF का सरगना मुहम्मद अब्बास शेख और शेख सज्जाद गुल है, दोनों ही हाफिज सईद के खास भरोसेमंद हैं.



