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केसीआर परिवार में कलह ? भाई-बहन की कलह में के. कविता हुई पार्टी से बाहर

केसीआर के नाम से चर्चित चंद्रशेखर राव ने अपनी ही बेटी के. कविता को पार्टी से बाहर कर दिया है

संवाददाता

नई दिल्ली। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के घर की कलह अब खुलकर सामने आ गई है. केसीआर के नाम से चर्चित चंद्रशेखर राव ने अपनी ही बेटी के. कविता को पार्टी से बाहर कर दिया है. कविता ने एक दिन पहले ही अपने चचेरे भाई और पूर्व मंत्री टी. हरीश राव और पार्टी सांसद संतोष कुमार के खिलाफ बयान दिए थे. उससे पहले कविता ने मई में अपने सगे भाई केटी रामाराव (केटीआर) पर आरोप लगाए थे. आइए बताते हैं, पूरा मामला क्या है. ऐसा क्या हुआ कि दक्षिण के इस कद्दावर परिवार में ये नौबत आ गई.

कौन हैं के. कविता?

कविता बीआरएस (पहले टीआरएस) के नेता के. चंद्रशेखर राव की बेटी हैं. करीमनगर में जन्मी कविता हैदराबाद की VNRVJIET से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया.इसके बाद अमेरिका की सदर्न मिसीसिपी यूनिवर्सिटी से एमएस किया.भारत लौटने के बाद कविता पिता केसीआर के साथ राजनीति में उतर आईं. उन्होंने तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन में हिस्सा लिया.2014 में निजामाबाद से वह सांसद चुनी गईं. वह टीआरएस (अब बीआरएस) की पहली महिला सांसद थीं. 2019 के लोकसभा चुनाव में वह हार गईं. इसके बाद निजामाबाद से एमएलसी बनीं.

कविता के निलंबन पर पार्टी क्या बोली?

तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य के. कविता पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में ये कार्रवाई की गई है. बीआरएस के महासचिव टी. अरविंद राव और सोमू भारत कुमार ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि केसीआर ने कविता को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित करने का फैसला किया है. पार्टी नेतृत्व ने कविता के हालिया कार्यों और उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों से हो रहे नुकसान को गंभीरता से लिया है.

चचेरे भाई, पूर्व सांसदों पर निशाना

कविता ने सोमवार को अपने चचेरे भाई और पूर्व मंत्री टी. हरीश राव और दो पूर्व सांसदों पर खुला हमला बोला था. अमेरिका से लौटने के कुछ घंटों बाद, कविता ने हरीश राव, उनके एक अन्य चचेरे भाई व पूर्व सांसद जे. संतोष कुमार और पूर्व राज्यसभा सदस्य मेघा कृष्ण रेड्डी पर केसीआर की छवि खराब करने का आरोप लगाया था.

कालेश्वरम प्रोजेक्ट की CBI जांच

मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी द्वारा कालेश्वरम परियोजना में अनियमितताओं से संबंधित मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद ही कविता ने ये आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि केसीआर के आसपास रहने वाले लोगों की गलत गतिविधियों ने उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल किया और यही उनके खिलाफ सीबीआई जांच का कारण बना.

चचेरे भाई पर साजिश का आरोप

कविता सवाल उठाया था कि क्या 5 साल तक सिंचाई मंत्री रहे हरीश राव की इसमें कोई बड़ी भूमिका नहीं है? केसीआर जहां जनता के बारे में सोच रहे थे, वहीं उनके आसपास के लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए बड़े ठेकेदारों से साठगांठ कर ली. इसी वजह से केसीआर के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू हुई है. कविता ने दावा किया था कि उन्होंने पार्टी के अंदर हरीश राव और संतोष कुमार की सभी साजिशों को सहन किया और उनके व्यक्तिगत हमलों पर प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन एक बेटी होने के नाते, उन्हें दुख है कि केसीआर को सीबीआई जांच का सामना करना पड़ रहा है.

‘शैतानों से घिरे भगवान केसीआर’

इससे तीन पहले, कविता का एक इंटरनल लेटर लीक हुआ था. उन्होंने अपने सगे भाई और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव पर आरोप लगाया था कि वह पार्टी का बीजेपी में विलय करने और उन्हें पार्टी से बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं. ये पत्र लीक होने पर कविता ने कहा था कि केसीआर एक ऐसे भगवान हैं, जो शैतानों से घिरे हुए हैं. उन्होंने 2019 के चुनावों में निजामाबाद लोकसभा क्षेत्र में अपनी हार के लिए भी पार्टी नेताओं के एक वर्ग को जिम्मेदार ठहराया था.

दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तारी

कविता की नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में उनके जेल में रहते पार्टी के कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ साजिश रची. कविता को इस मामले में पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था. ई़डी का आरोप है कि कविता शराब घोटाले के साउथ कार्टेल का हिस्सा थीं. उन्होंने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर इस पूरे घोटाले की साजिश रची थी. कविता पर इसके बदले आप नेताओं को 100 करोड़ रुपये के पेमेंट करने का आरोप है. ईडी का दावा है कि थोक विक्रेताओं से रिश्वत के रूप में अवैध पैसा लिया था. कविता को इस मामले में अगस्त में जमानत मिल गई थी.

3 महीने से चला रहीं विरोध अभियान

कविता की नाराजगी की एक वजह ये भी रही कि जब वो जेल में थीं, तो उनकी पार्टी ने उनके पक्ष में उस तरह से माहौल नहीं बनाया जैसी उन्हें उम्मीद थी. पार्टी के सिल्बर जुबली समारोह में बहुत महत्व न दिए जाने से भी कविता नाराज थीं. पिछले तीन महीनों से कविता तेलंगाना जागृति नामक एक सांस्कृतिक संगठन के बैनर तले विभिन्न मुद्दों पर विरोध कार्यक्रम आयोजित कर रही थीं, जिसकी वह प्रमुख हैं.

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