
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल के अंदर जबरन वसूली के मामले में जेल के नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. दिल्ली सरकार के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि जबरन वसूली रैकेट के संबंध में अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है, जिसमें कर्मचारी और कैदी दोनों शामिल हैं. आरोप है कि तिहाड़ जेल में रुपया लेकर कैदियों को सुविधा उपलब्ध कराया जाता था.
“दो महीने के अंदर रिपोर्ट सौंप देंगे”
खबर एजेंसी एनआई के मुताबिक दिल्ली सरकार के वकील ने मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ को बताया कि सभी नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. वकील ने आश्वासन दिया है कि हम दो महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे. कोर्ट ने दलीलें दर्ज करते हुए आग्रह किया कि अनुशासनात्मक नियमों का कानून के अनुसार सख्ती से पालन किया जाए और दिल्ली सरकार और सीबीआई दोनों को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया. अगली सुनवाई 28 अक्टूबर होगी.
दिल्ली हाईकोर्ट की चिंता
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कथित रैकेट पर कड़ी चिंता व्यक्त की थी और टिप्पणी की थी कि कुछ कैदियों को अनुचित विशेषाधिकार प्राप्त करना अस्वीकार्य है. जबकि अन्य को बुनियादी जरूरतों से वंचित रखा जाता है. कोर्ट ने सीबीआई को अपनी प्रारंभिक जांच (पीई) रिपोर्ट की जांच के बाद एक एफआईआर दर्ज करने और जांच करने का निर्देश दिया था, जिसमें अवैध गतिविधियों में कैदियों और जेल कर्मचारियों के बीच मिलीभगत की ओर इशारा किया गया था.
निरीक्षण करने वाले न्यायाधीश की 7 अप्रैल की रिपोर्ट में जबरन वसूली के लिए जेल के लैंडलाइन का दुरुपयोग किया गया और जेल अधिकारियों से जुड़ी गंभीर अनियमितताओं को भी चिह्नित किया गया. इस पर कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने 2 मई को सीबीआई को एक पीई शुरू करने का निर्देश दिया. साथ ही दिल्ली सरकार को रैकेट की सहायता करने वाले अधिकारियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था.



