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गाजियाबाद में बारिश के बाद जलभराव में फंसी मर्सिडीज, कार मालिक ने नगर आयुक्‍त से मांगा मरम्‍मत का खर्चा

गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 11 के निवासी ने गाजियाबाद नगर आयुक्त को कानूनी नोटिस भेजा

विशेष संवाददाता

गाजियाबाद। दिल्ली-एनसीआर में लगातार हो रही बारिश ने नगर निगम के दावों की पोल खोल दी है. एनसीआर के विभिन्न इलाकों में सड़कों पर जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है. गाजियाबाद के कई इलाकों में भी जल भराव की समस्या देखने को मिली है. हाल ही में हुई बारिश में गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-11 के रहने वाला व्यक्ति साहिबाबाद से वसुंधरा जा रहा था. रास्ते में सड़क पर जलभराव होने के चलते उसकी गाड़ी जलभराव से क्षतिग्रस्त हो गई. कार मालिक ने गाड़ी के क्षतिग्रस्त होने पर गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त को कानूनी नोटिस भेजा है.

नगर निगम की लापरवाही और कुप्रबंधन का लगाया आरोप

सोशल वर्कर अमित किशोर के मुताबिक, घटना 23 जुलाई 2025 की है. सुबह 10 बजे जब वह अपनी मर्सिडीज से लाजपत नगर साहिबाबाद से वसुंधरा की ओर जा रहा था. रास्ते में भारी जलभराव के कारण गाड़ी पानी में डूब गई और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई. जलभराव नगर निगम की लापरवाही और कुप्रबंधन का प्रत्यक्ष परिणाम था.

गाड़ी को भारी क्षति

गाड़ी घंटों तक पानी में फंसी रही. गाड़ी में मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल स्तर पर भारी क्षति हुई है. जिसका भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा. कई बार गाड़ी को स्टार्ट करने का प्रयास किया गया. लेकिन गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई. इसके बाद क्रेन का इंतजाम किया गया और क्रेन के माध्यम से गाड़ी को नोएडा स्थित मर्सिडीज़ के सर्विस सेंटर भेजा गया. उन्होंने अधिवक्ता प्रेम प्रकाश के माध्यम से नगर आयुक्त को नोटिस भेजा. नोटिस के माध्यम से नगर निगम से तीन मांग की गई है.

जलभराव से मर्सिडीज़ को मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल स्तर पर भारी क्षति
जलभराव से मर्सिडीज़ को मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल स्तर पर भारी क्षति 

नोटिस के माध्यम से नगर निगम से तीन मांग

1. मर्सिडीज़ की मरम्मत की पूरी लागत के बराबर मुआवजा, साथ ही मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए ₹500000 का अतिरिक्त हर्जाना.

2. साहिबाबाद वसुंधरा और आसपास के इलाकों में नालियों की सफाई और जलभराव की रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग.

नगर निगम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का नोटिस

निगम के भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि यदि 15 दिनों के भीतर संतोषजनक उत्तर और कार्रवाई नहीं की गई, तो पीड़ित पक्ष उच्च न्यायालय, लोकायुक्त व अन्य मंचों पर जनहित याचिका, हर्जाने हेतु दीवानी दावा, और भ्रष्टाचार की जांच हेतु शिकायत दर्ज कराने हेतु बाध्य होगा. यदि निर्धारित समय सीमा में कार्रवाई नहीं की गई तो पीड़ित कानून के तहत नगर निगम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेंगे.

नोटिस कानूनी चेतावनी

इस नोटिस को अधिवक्ता प्रेम प्रकाश ने जारी किया है. उन्होंने कहा कि यह केवल एक वाहन की क्षति का मामला नहीं है, यह ग़ाज़ियाबाद की नागरिक व्यवस्था की गहराई से जांच का विषय है. नगर निगम का कर्तव्य है कि वह नागरिकों की सुरक्षा, सफाई और जीवन स्तर की जिम्मेदारी ले लेकिन यहां दुर्भाग्य से केवल अतिक्रमण और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है. यह नोटिस एक कानूनी चेतावनी है कि अब जवाबदेही से बचना संभव नहीं.

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