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छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य अरेस्ट, पिता के सीएम रहते शराब घोटाले में ली थी घूस

संवाददाता

नई दिल्ली । रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर शुक्रवार को छापेमारी की। छापेमारी के बाद टीम ने उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया है। यह छापेमारी भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉड्रिंग के मामले में की गई। मामले में नए सबूत मिलने के बाद ईडी ने मनी लॉड्रिंग अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दुर्ग जिले के भिलाई शहर में स्थित भूपेश बघेल के आवास पर छापा मारा। बता दें कि चैतन्य बघेल और भूपेश बघेल एक साथ भिलाई स्थिति आवास पर रहते हैं।

सूत्रों ने बताया कि छापे की कार्रवाई चैतन्य बघेल के खिलाफ की गई, जिनके खिलाफ शराब घोटाला मामले में जांच जारी है। भूपेश बघेल के आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी देखे गए, वहीं कुछ पार्टी समर्थक भी वहां एकत्र हो गए। इस दौरान पार्टी और भूपेश बघले के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया।

क्यों हुई चैतन्य बघेल पर कार्रवाई

इससे पहले ईडी की टीम ने भूपेश बघेल के आवास पर 10 मार्च को भी छापेमारी की थी। इस दौरान उन्हें कैश और डिजिटल सबूत सबूत मिले थे। जिसके बाद ईडी ने फिर से यह कार्रवाई की है। ईडी ने पहले दावा किया था कि चैतन्य बघेल पर शराब घोटाले से पैसे लेने का शक है इसी आधार पर कार्रवाई की गई है। यह कहा गया कि इस घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब घोटाले में शामिल गिरोह के लाभार्थियों के जेबों में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि गई।

कवासी लखमा हो चुके हैं गिरफ्तार

इस मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य लोगों को जांच के तहत गिरफ्तार किया था।

कब हुआ था घोटाला

ईडी के अनुसार छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला 2019 और 2022 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। इस जांच के तहत अब तक एजेंसी द्वारा विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। उच्चतम न्यायालय ने 2024 में इस मामले में ईडी की पहली प्राथमिकी को रद्द कर दिया था, जो आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित थी।

इसके बाद ईडी ने नए सबूतों के आधार पर छत्तीसगढ़ के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू), भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) से एक नई प्राथमिकी दर्ज करने को कहा और फिर एक नया मामला दायर किया। इस प्राथमिकी में 70 व्यक्तियों और कंपनियों के नाम शामिल किए गए, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कावसी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड और अन्य लोग शामिल हैं।

कितने का है घोटाला

ईडी के अनुसार, शराब घोटाला करीब 2100 करोड़ रुपये का है। हाल ही में ईडी ने शराब घोटाले में पूर्व सीएम कवासी लखमा के खिलाफ चालान पेश किया है। इसमें दावा किया गया है घोटाले की राशि बढ़कर 3200 करोड़ या उससे ज्यादा हो सकती है।

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