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छांगुर बाबा और उसके मददगाराें के 15 ठिकानाें पर दाे से चल रही ईडी की रेड

100 करोड़ की अवैध संपत्ति सोना, नकदी और लग्जरी गाड़ियां मिलीं

संवाददाता

नई दिल्ली । यूपी के सबसे बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर बाबा और उसके करीबियों के बलरामपुर, मुंबई और लखनऊ में स्थात 15 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला नेटवर्क से जुड़े मामलों में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी की 15 टीमों ने छांगुर बाबा के 12 ठिकाने पर एक्शन लिया। यह कार्रवाई गुरूवार सुबह पूरी प्लानिंग के तहत एक साथ शुरू की गई, ताकि किसी को भागने का मौका नहीं मिले। छापे की कार्रवाई आज भी जारी रही। इस कार्रवाई में ईडी के हाथ कई चौंकाने वाले सुराग लगे हैं। टीम को 100 करोड़ की अवैध संपत्ति सोना, नकदी और लग्जरी गाड़ियां मिलीं हैं।

ईडी ने मुंबई में शहजाद शेख उर्फ इलियास शेख के माहिम और बांद्रा स्थित ठिकानों को भी खंगाला है, जिसके खाते में एक करोड़ रुपये छांगुर ने भेजे थे। लखनऊ के चिनहट स्थित छांगुर के मददगार बलरामपुर कोर्ट के कार्यालय के बाबू राजेश उपाध्याय के आवास को भी खंगाला गया है।

छापों के दौरान ईडी ने कई संपत्तियों के दस्तावेज, सोना, नकदी और लग्जरी गाड़ियों को बरामद किया है। साथ ही, दुबई, यूएई और नेपाल से हुई फंडिंग के सुराग भी जुटाए। बलरामपुर के उतरौला में छांगुर व उससे जुड़े 12 ठिकानों पर ईडी की टीमों ने एक साथ छापा मारा। ईडी की पहली टीम मधपुर-उतरौला मार्ग स्थिति छांगुर के कॉम्प्लेक्स पर पहुंची। गेट का ताला खुलवाया। दुकान से जुड़े रजिस्टर और अन्य अभिलेखों की जानकारी की। इसके साथ ही दो टीमें छांगुर के मधपुर स्थित मकान में पहुंचीं और हर कमरों की जांच की। पूर्व प्रधान जुम्मन से भी पूछताछ की गई। टीम ने नामी और बेनामी संपत्तियों की भी जांच की।

ईडी की एक टीम रेहरामाफी में छांगुर के पैतृक गांव भी पहुंची। मधपुर में जमीन विक्रेता इसी गांव के पूर्व प्रधान जुम्मन खां हैं। मधपुर में जमीन विक्रेता संतोष कुमार त्रिगुनायक व उसके भाई दुर्गेश कुमार से भी सवाल किए। जमीन बेचने पर मिली धनराशि के बारे में जानकारी ली। हुसैनाबाद प्रिंट में ग्राम प्रधान अफसर अली, महमूदाबाद प्रिंट के ग्राम प्रधान इब्तिदा खान उर्फ लल्लू, नगर के रफीनगर शोरूम पर काम करने वाले सगे भाइयों मलिक शमीम, मलिक वसीम, मलिक अली अहमद के आवास पर भी टीम पहुंची। उनसे घर में ही देर शाम तक पूछताछ चली। ईडी ने छापा मारने की रणनीति बहुत ही सटीक बनाई थी। लोगों को इसकी भनक भी नहीं लगी कि अभी ईडी भी जांच के लिए आ सकती है। सभी की निगाह इस पर टिकी थी कि पहले इंडी छांगुर को रिमांड पर लेगी, लेकिन ईडी ने छांगुर से पूछताछ के पहले ही उससे जुड़े लोगों की पड़ताल की योजना बनाई।

सूत्रों के अनुसार जांच में बड़े पैमाने पर धन शोधन का मामला सामने आया है। अब ईडी के अधिकारी सभी ठिकानों से मिले सुबूतों की पड़ताल के बाद छांगुर को अपनी कस्टडी में लेगा, जिसके बाद उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी।

बलरामपुर में लगभग 13 घंटे तक बाबा के ठिकानों को खंगाला गया। बताया जा रहा है कि इस दौरान करोड़ों की संपत्तियों की जांच की गई थी। जमीनों की खरीद-फरोख्त से जुड़े लोगों के घरों पर भी छापेमारी की गई, इस दौरान ईडी ने लेनदेन का ब्योरा जुटाया।

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