
संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए कृष्णा नगर कमेटी के अध्यक्ष गुरचरन सिंह राजू को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया. पार्टी से निलंबित होने के बाद गुरचरन सिंह ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि देवेंद्र यादव दिल्ली में कांग्रेस को डुबाने में लगे हुए हैं. तानाशाही रवैया अपनाया हुआ है. उनकी जो मर्जी होती है वही करते हैं. दिल्ली के नेता और कार्यकर्ताओं से कुछ भी नहीं पूछते.
गुरचरन सिंह राजू ने कहा कि पांडव नगर ब्लॉक के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा को बिना उनसे बात किए हटा दिया. इसको लेकर को 25 जून को देवेंद्र यादव से मिले. जब देवेंद्र यादव से उन्होंने प्रवीण शर्मा को हटाने की वजह पूछी तो वह भड़क उठे और उनके साथ दूर व्यवहार करते हुए उन्हें भी पार्टी कार्यालय से भगा दिया. गुरचरन सिंह राजू ने कहा कि 25 जून 2025 को आयोजित दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष द्वारा न केवल उन्हें अपमानित किया गया, बल्कि बिना किसी विमर्श अथवा सूचना के उनके ही ज़िले में ब्लॉक अध्यक्षों की मनमानी नियुक्तियां की गईं.
गुरचरन सिंह राजू ने ये भी कहा कि जब उन्होंने इस पर विरोध दर्ज कराया, तो देवेंद्र यादव ने दुर्व्यवहार करते हुए धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल किया और अशोभनीय भाषा में बात की. उन्होंने आरोप लगाया कि सबसे चिंताजनक टिप्पणी तब सुनने को मिली जब देवेंद्र यादव के एक सहयोगी ने कहा कि के.सी. वेणुगोपाल हमारी जेब में हैं, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता.” इस कथन ने न केवल गुरचरण सिंह को आहत किया, बल्कि पार्टी नेतृत्व की गरिमा और संगठन की मर्यादा पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया.
गुरचरन सिंह ने आरोप लगाया कि हाल ही में हुए यूथ कांग्रेस चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली, पक्षपात और भेदभाव हुआ. उन्होंने कहा कि उनके पुत्र हरप्रीत सिंह, जो वर्षों से सक्रिय युवा कार्यकर्ता हैं, उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया. उनके पक्ष में पड़े वोटों को AI प्रणाली के माध्यम से कटवाया गया, और अपनी निजी पसंद वाले प्रत्याशी को चुनाव जितवाया गया. उन्होंने बताया कि उनका पार्टी से जुड़ाव 1986 से रहा है और तब से वे पार्टी को ही अपना परिवार मानते आए हैं. गुरुचरन सिंह ने इस मामले को लेकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भी पत्र लिखा है और पार्टी से आग्रह किया है कि प्रदेश अध्यक्ष की कार्यशैली की उच्चस्तरीय जांच की जाए.



