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कड़कड़डूमा कोर्ट में आज काम ठप्‍प, एनआइए कोर्ट को राउज एवेन्यू शिफ्ट करने का कर रहे विरोध

संवाददाता

नई दिल्ली। कड़कड़डूमा स्थित कोर्ट में मंगलवार को वकील न्यायिक कार्यों से दूर रहे। ऐसे में यद‍ि आपको आज कड़कड़डूमा स्थित कोर्ट में कोई काम है तो वह नहीं होगा। दरअसल, शाहदरा बार एसोसिएशन ने इस बंदी का ऐलान किया था। इस संबंध में जारी की गई नाेटिस में बताया गया था कि कड़कड़डूमा से एनआइ एक्ट कोर्ट को राउज एवेन्यू शिफ्ट करने के विरोध में यह कदम उठाया गया।

हड़ताल के पीछे क्‍या है कारण?

इस संबंध में एसोसिएशन के सचिव नरवीर डबास ने बताया कि एनआई एक्ट (परक्राम्य लिखत अधिनियम) कोर्ट के शिफ्ट होने से कड़कड़डूमा के वकीलों को समस्या होगी। साथ ही, यमुनापार के लोगों को चेक बाउंस समेत एनआइ एक्ट से जुड़े मामलों के लिए दूर जाना पड़ेगा।

उन्हाेंने बताया कि इन्हीं परेशानियों को देखते हुए कार्यकारी समिति ने गंभीर मुद्दे पर विचार कर मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है। बता दें कि ग्रीष्मकालीन अवकाश का समय पूरा होने के बाद कोर्ट मंंगलवार से खुलना था।

28 जून को बुलाई गई आपात थी बैठक

शाहदरा बार एसोसिएशन (रजिस्टर्ड) ने यह निर्णय लिया है कि वह 1 जुलाई 2025 से दिल्ली स्थित कड़कड़डूमा कोर्ट कॉम्प्लेक्स में पूरी तरह से हड़ताल कर रही है। यह बड़ा कदम एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की बीती 28 जून को बुलाई गई आपात बैठक में लिया गया, जिसमें कड़कड़डूमा कोर्ट कॉम्प्लेक्स से डिजिटल कोर्ट और एनआई एक्ट से जुड़े मामलों को राउज एवेन्यू कोर्ट, दिल्ली में स्थानांतरित किए जाने के हालिया फैसले पर विस्तार से चर्चा की गई थी।

नोटिस की प्रतिलिपि सभी न्यायिक अधिकारियों को भेजी

इस काम बंदी को लेकर शाहदरा बार एसोसिएशन के मानद सचिव नरवीर डबास की ओर से एक हस्ताक्षरित नोटिस की प्रतिलिपि सभी न्यायिक अधिकारियों को भी भेजी गई है। उक्‍त नोटिस में समस्‍त न्यायिक अधिकारियों से विनम्र अनुरोध किया गया है कि वे सहयोग करें और मंगलवार को सूचीबद्ध मामलों पर कोई प्रतिकूल आदेश जारी न करें।

अध‍‍िवक्‍ताओं को नोट‍िस में दी चेतावनी

नोटिस में सभी वकीलों से यह भी अपील की गई है कि वे इस निर्णय का समर्थन करें। साथ ही, किसी भी अदालती कार्यवाही में शामिल न हों, चाहे वह व्यक्तिगत रूप से हो या ऑनलाइन (वर्चुअल रूप) माध्यम से।
इस संदर्भ में कड़ी चेतावनी देते हुए कहा गया है कि यदि कोई वकील किसी भी अदालत में शारीरिक रूप से या वर्चुअल रूप से उपस्थित पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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