
संवाददाता
देहरादून। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर एक बार फिर से महेंद्र भट्ट पर विश्वास जताया है। मंगलवार को पार्टी ने उन्हें फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया। भट्ट लगातार दूसरी बार उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष बने। भट्ट भाजपा के 10वें प्रदेश अध्यक्ष बने हैं।
प्रदेश अध्यक्ष पद पर नामांकन की प्रक्रिया में केवल भट्ट का ही नामांकन हुआ था। राष्ट्रीय परिषद सदस्य के लिए पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह समेत आठ वरिष्ठ नेताओं को चुना गया है। मंगलवार को प्रांतीय परिषद की बैठक में केंद्रीय चुनाव अधिकारी हर्ष मल्होत्रा भट्ट के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के निर्वाचित होने का औपचारिक ऐलान किया।
सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्य के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में महेंद्र भट्ट ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र प्रदेश चुनाव अधिकारी खजान दास को सौंपा। इस पूरी संगठन चुनाव प्रक्रिया के दौरान सह चुनाव अधिकारी पुष्कर काला, मीरा रतूड़ी, राकेश गिरी के साथ सरकार में दायित्वधारी ज्योति गैरोला, सुभाष बड़थ्वाल, कुलदीप कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कोली, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान समेत बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता मौजूद रहे।
नामांकन प्रक्रिया संपन्न होने के बाद चुनाव अधिकारी खजान दास ने कहा कि पांच सेटों में दाखिल उनके नामांकन पत्र पर 10 अलग-अलग प्रस्तावकों ने हस्ताक्षर किए थे। जिसमें सभी सेटों के मुख्य प्रस्तावक मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं गढ़वाल लोकसभा सांसद अनिल बलूनी, नैनीताल सांसद अजय भट्ट व अल्मोड़ा सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा शामिल हुए। अन्य प्रस्तावक के रूप में प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कल्पना सैनी, टिहरी लोकसभा सांसद महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक बिशन सिंह चुफाल, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, विनोद कंडारी, राम सिंह कैड़ा, महंत दिलीप सिंह रावत व बृजभूषण गैरोला प्रमुख थे।



