
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद । कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत 5 वर्षों के बाद हो रही है. कोरोना महामारी के दौरान यह यात्रा स्थगित रही. कई सालों के बाद शुरू होने जा रही कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में बेहद उत्साह है. इसकी क्रम में गाजियाबाद स्थित कैलाश मानसरोवर भवन में यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है. यात्रियों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से विशेष इंतजाम किए गए हैं.
कैलाश मानसरोवर भवन का संचालन उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड की तरफ से किया जा रहा है. आने वाले 15 जून को यहां से कैलाश मानसरोवर जाने वाले यात्रियों का पहला जल्था रवाना होगा. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह हरी झंडी दिखाकर तीर्थयात्रियों को रवाना करेंगे. इस जत्थे में करीब 50 तीर्थयात्री शामिल होंगे.
रहेंगी सभी सुविधाएं उपलब्ध: मंत्री जयवीर सिंह सिंह ने जारी किए गए एक बयान में कहा, धर्मार्थ कार्य विभाग की ओर से कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रियों के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. कैलाश मानसरोवर भवन में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम मौजूद है. मानसरोवर भवन में कैलाश मानसरोवर यात्रियों को यात्रा से पहले एक ही स्थान पर सभी आवश्यक सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी. कैलाश मानसरोवर भवन पूरी तरह से एयर कंडीशंड है और इसमें करीब 288 तीर्थ यात्रियों के ठहरने की सुविधा उपलब्ध है.
विभिन्न कार्यक्रमों का किया जा रहा आयोजन: उन्होंने आगे कहा, भवन के ग्राउंड फ्लोर पर तीर्थ यात्रियों के लिए भोजनालय भी मौजूद है, जहां शुद्ध सात्विक भोजन परोसा जा रहा है. इतना ही नहीं, प्रतिदिन योगा सेशन भी आयोजित किए जा रहे हैं. साथ ही सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भजन संध्या कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है. कैलाश मानसरोवर यात्रा का समापन 25 अगस्त, 2025 को होगा. तीर्थयात्रियों के लिए कैलाश मानसरोवर भवन में स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किया गया है. जिला प्रशासन और पर्यटन निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए मौके पर मौजूद हैं.



