
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) की काउंसिल की बैठक में आज कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. इसमें प्रमुख तौर पर बिजली-पानी के नए स्मार्ट मीटर लगाने के साथ ही भूमिगत पुराने हो चुके बिजली के तारों और नालों की सफाई व कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रस्ताव पारित किए गए हैं. दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में काउंसिल की बैठक आयोजित की गई.
प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली के लोगों को स्वच्छ पानी देने और पुराने पानी के मीटरों को बदलने के लिए एनडीएमसी ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सभी मीटर स्मार्ट करने का निर्णय लिया है. यह मीटर मैगेनेटिक प्रूफ होंगे. साथ ही मीटर में यह भी देखा जा सकेगा कि पानी कितनी तेजी से आ रहा है या पानी की आपूर्ति धीमी गति से हो रही है. उन्होंने बताया कि 30.84 करोड़ रुपये की राशि इस कार्य के लिए मंजूर की गई है. वहीं पिलंजी गांव के आस-पास की पानी की पाइपलाइन को चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा.


पुरानी केबलों को बदलने का फैसला
प्रवेश साहिब सिंह ने 35 साल पुराने सभी केबल को बदलने का निर्देश दिया है. पिलंजी गांव के आस-पास की पानी की पाइपलाइन को चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा. इसमें 66.44 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है. इसमें एनबीसीसी ने सरोजनी नगर में किए जा रहे पुनर्विकास के तहत इन लाइनों को बदलने का आग्रह किया था. इसके साथ ही एनडीएमसी ने पुराने भूमिगत बिजली के तारों को बदलने का निर्णय भी लिया है.

पुरानी सीवरेज लाइन को बदलने का प्रस्ताव
जलभराव की समस्या के समाधान के लिए करीब दो किलोमीटर लंबी पुरानी सीवरेज लाइन को बदलने का प्रस्ताव पारित किया है. इसमें कुशक नाले से ब्रिगेडियर होशियार सिंह मार्ग पर अरविंदो मार्ग तक पुरानी सीवर की लाइन को बदला जाएगा. इसके अलावा दिल्ली मेट्रो के सहयोग से दयाल सिंह कालेज से सुनहरी पुल नाले तक हो रही नाले की सफाई के लिए एनडीएमसी ने 70 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया है. मेट्रो इस काम को करेगी, जबकि फंड एनडीएमसी उपलब्ध कराएगी. मेट्रो ने इस कार्य को शुरू कर दिया है. सुनहरी पुल नाले की सफाई 2010 के बाद से नहीं हुई है. चूंकि इसकी वजह से भारती नगर और गोल्फ कोर्स जैसे इलाके जलभराव के कारण जलमग्न हो जाते हैं इसलिए मेट्रो से इस कार्य को कराया जा रहा है.



