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यमुना सफाई: अब हाई लेवल कमेटी की कमान दिल्ली CM रेखा गुप्ता के हाथों में, बाकी समितियां होंगी समाप्त

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली की नवगठित बीजेपी सरकार के एजेंडे में यमुना नदी का पुनरुद्धार सबसे ऊपर है. इस दिशा में चल रही कवायद पर केंद्र सरकार की निगरानी है. बीते दिनों मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई थी. इस दौरान यमुना नदी को रिवर फ्रंट के तौर पर विकसित करने को लेकर लंबी चर्चा हुई. बैठक में यमुना की सफाई और उसको पुनर्जीवित करने से जुड़े कई अहम मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई.

साथ ही साथ, यमुना नदी के पुनरुद्धार के लिए दो अलग-अलग मुख्य समितियां गठित करने का निर्णय भी लिया गया. दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में गठित की जाने वाली मुख्य समिति, एक उच्चस्तरीय समिति होगी. दिल्ली की सीमा में यमुना बाहरी दिल्ली स्थित पल्ला गांव में प्रवेश करती है और वहां से 44 किलोमीटर सफर कर दक्षिणी दिल्ली के जैतपुर में जाकर खत्म होती है. यमुना नदी का पानी वजीराबाद तक साफ होता है, मगर उसके बाद (करीब 22 किलोमीटर) से लेकर दिल्ली की सीमा में खत्म होने तक यमुना नदी गंदे नाले के रूप में दिखाई देती है.

मीटिंग

बाकि समितियां होंगी समाप्त: यमुना नदी को दिल्ली की लाइफलाइन बनाने और इसको पुनर्जीवित करने को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने कवायद तेज कर दी है. केंद्र सरकार के निर्देश पर यमुना नदी के पुनरुद्धार के मामले को लेकर अब केवल दो मुख्य समितियां ही काम करेंगी और बाकी सभी समितियों को समाप्त किया जाएगा. दोनों समितियां एक, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दूसरी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की जाएंगी.

यमुना सफाई

केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई थी बैठक: हाल ही में केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के आला अधिकारियों के अलावा के दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे. इसमें मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मुख्य समिति गठित करने का फैसला लिया गया कि पहले से बनी समितियां खत्म होंगी या इनमें समाहित होंगी.

आरती करती सीएम रेखा
आरती करती सीएम रेखा

 

दिल्ली में बीजेपी सरकार बनने के बाद यमुना को लेकर लिए गए तीन बड़े फैसले-

1. दिल्ली की सीवेज अवसंरचना को सुधारने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की है. इसमें 40 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) का निर्माण शामिल है.

2. गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर दिल्ली में यमुना रिवरफ्रंट के विकास की योजना बनाई गई है. इस परियोजना के लिए साबरमती रिवरफ्रंट बनाने वाली संस्था के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया गया है. परियोजना के तहत नदी के किनारे सौंदर्यीकरण, हरित क्षेत्र का विस्तार व सार्वजनिक उपयोग के लिए सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा, जिससे यमुना नदी का किनारा एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो. इसमें मिलेनियम डिपो के पास 25 हेक्टेयर में एक प्रमुख रिवरफ्रंट, जिसमें केंद्रीय पियाजा, टॉपियरी पार्क, शॉपिंग सेंटर और नदी किनारे प्रोमेनेड शामिल हैं.

इसके अलावा आईटीओ से पुराना रेलवे ब्रिज तक के आसिता ईस्ट और आसिता वेस्ट क्षेत्रों में जल निकाय, हरित क्षेत्र, इको-ट्रेल्स व पैदल मार्ग बनाए जा रहे हैं. आसिता ईस्ट पार्क को जनता के लिए खोल दिया गया है. निजामुद्दीन से डीएनडी फ्लाईवे तक कालिंदी अविरल व कालिंदी बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किए जा रहे हैं, जो इकोसिस्टम व बायोडायवर्सिटी को बढ़ावा देंगे. साथ ही दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पास 10 हेक्टेयर में बांस थीम पार्क ‘बांसेरा’ बनाया गया है, जिसमें बांस से बने कैफे, वॉचटावर और कुटिया जैसी सुविधाएं शामिल हैं.

3. यमुना नदी के सोनिया विहार से जगतपुर (4 से 7 किलोमीटर) के बीच एक फेरी व क्रूज सेवा शुरू करने की योजना है. यह सेवा साल में लगभग 270 दिन चलेगी, हालांकि मानसून के दौरान इसे रोका जाएगा. इस परियोजना के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

दिल्ली से संबंधित यमुना नदी के महत्वपूर्ण तथ्य –

  • दिल्ली में यमुना नदी करीब 22 किलोमीटर तक बहती है, जो इसकी कुल लंबाई का 2 फीसदी है. लेकिन, 80 फीसद प्रदूषण यहीं होता है.
  • दिल्ली में यमुना नदी में गिरने वाले 22 में से 18 नाले अत्यधिक प्रदूषित सीवेज ले आते हैं.
  • वजीराबाद से ओखला के बीच यमुना नदी को मृत माना जाता है, क्योंकि इसमें डिजॉल्व्ड ऑक्सीजन ही नहीं बचती है.
  • यमुना में सबसे ज्यादा प्रदूषण नजफगढ़ नाले के जरिए आता है, जो दिल्ली का सबसे बड़ा नाला है.
  • दिल्ली में यमुना के किनारे यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किया गया है, जिससे ईकोसिस्टम का संतुलन बहाल हो सके.

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