
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) उपाध्यक्ष अतुल वत्स के नेतृत्व व अथक प्रयासों से हाल के महीनों में शहर के विकास को उल्लेखनीय गति मिली है। इन पहलों में शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार, कनेक्टिविटी बढ़ाना, डिजिटल परिवर्तन लाना, और शहरी हरियाली के साथ लोगों को घूमने-फिरने के लिए सांस्कृतिक पार्कों को बढ़ावा देना शामिल है, जो गाजियाबाद को एक आधुनिक और सुव्यवस्थित शहर बनाने की दिशा मे जीडीए के प्रयास को दर्शाता है।
शहर के विकास और हरियाली के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाएं और निर्णय
(1) हरनंदीपुरम योजना का अनावरण, (2) ‘वेस्ट-टू-वंडर’ और थीम पार्क बनाने की योजना के चलते 3 नए आधुनिक पार्कों का निर्माण,
(3) सिटी फॉरेस्ट का पुनर्विकास, (4) शहरी हरियाली
सुगम आवागमन, बेहतर कनेक्टिविटी एवं यातायात को बढ़ावा
(1) सुचारु आवागमन किया सुनिश्चित, (2) शहर की कनेक्टिविटी में सुधार, (3) एलिवेटेड रोड पर नई कनेक्विटी व विस्तार
तुलसी निकेतन का सर्वे और पुनर्विकास: जीडीए द्वारा निर्मित 288 एलआईजी और 2004 ईडब्ल्यूएस भवनों का नियोजन पीपीपी मॉडल पर किया जा रहा है।
धरातल पर योजनाएं :
(1) पीएमएवाई योजना नूरनगर, प्रताप विहार, निवाडी मोदीनगर, डासना, मधुबन बापूधाम व निजी विकासकर्ता द्वारा निर्मित आदि ईडब्ल्यूएस योजनाएं अंतिम चरण में। (2) मधुबन बापूधाम में बुनकर मार्ट एक्सपो एवं कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कार्य किया जा रहा हैं । इस परियोजना में 2 कन्वेंशन हॉल, 6 कांफ्रेंस रूम, 3 एक्सपो हॉल, 1 ओपन थिएटर, 2 फूड कोर्ट एवं दुकानों का निर्माण कार्य भी प्रगतिमान हैं। जिसकी लागत लगभग 152.56 करोड़ हैं।
पारदर्शिता और त्वरित समाधान के लिए डिजिटल प्रयास
(1) पब्लिक एक्सेस फॉर हॉउसिंग एंड प्रोपर्टी अलोटमेंट लॉगिन (पहल पोर्टल) की शुरुआत। (2) कोर्ट केसेस हेतु मॉनिटरिंग पोर्टल बनाया गया।
सुरक्षा और विकास कार्यों में सुधार : उपाध्यक्ष के निर्देशों पर तत्काल 33केवी हाई टेंशन वायर को शिफ्ट कर पीवीवीएनएल को हस्तांतरित किए गया, जिससे ना केवल बिजली आपूर्ति हुई बल्कि निर्माण कार्य भी अवरोध मुक्त हुए।