
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम में फर्जी कर्मचारियों का एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। नगर आयुक्त के आदेश पर 30 मई को की गई एक दिन की ऑनलाइन उपस्थिति जांच में 660 कर्मचारियों की झूठी उपस्थिति मिली। यह जांच नगर निगम के कंट्रोल रूम द्वारा की गई थी।
इस खुलासे ने निगम में हो रही अनियमितताओं को उजागर कर दिया है। अनुमान है कि इस तरह की धोखाधड़ी से नगर निगम को दैनिक लगभग 10 लाख रुपए और मासिक करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
शामली हाईवे पर 29 लाख रुपए की चोरी: एक वाहन से आए बदमाशों ने कैशियर से नकदी लूटी।
नगर निगम के पांचों जोन—सिटी, कविनगर, विजयनगर, मोहननगर और मधुबन बापूधाम—इस घोटाले में शामिल पाए गए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कविनगर जोन, जहां कई शीर्ष अधिकारी और जनप्रतिनिधि रहते हैं, वहां सबसे अधिक फर्जी उपस्थिति दर्ज की गई है। कविनगर जोन में 179 और सिटी जोन में 95 फर्जी उपस्थिति पाई गई हैं; अन्य जोनों की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है।
नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा की जा रही यह धोखाधड़ी यह सवाल उठाती है कि क्या यह उच्चाधिकारियों की सहायता से नहीं हो रहा है? जब एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में फर्जी हाजिरी लगाई गई, तो यह साफ है कि यह जाल लंबे समय से चल रहा होगा। इसके साथ ही, निगरानी और जवाबदेही की कमी भी स्पष्ट दिखाई दे रही है।
नगर आयुक्त ने इस मामले की गहन जांच के निर्देश दिए हैं और कहा जा रहा है कि दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जल्द ही कठोर कार्रवाई की जाएगी।



