
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद । उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा इन दिनों एक नए अवतार में हैं। वो हिंदुत्व पर खुलकर बोल रहे हैं। वो अध्यात्म पर प्रवचन दे रहे हैं, वो सनातन संस्कृति की बात कर रहे हैं और अब सुनील शर्मा अपने नए अवतार में नए फायर ब्रांड हिंदुत्व नेता के रूप में उभर रहे हैं। वो मंच पर माइक संभालते हैं तो तालियों की गड़गड़ाहट से हॉल गूंज उठता है। वो विकास से ज्यादा सुरक्षा की बात पर जोर देते हैं और उदाहरण के लिये बांग्लोदश और कश्मीर गिना देते हैं। हिंदुत्व के नए फायरब्रांड वक्ता बनकर उभरे कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा शुक्रवार को जब दीनदयाल उपाध्याय सभागार में अहिल्या बाई होल्कर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मंच संभाला तो उनसे पहले मेयर सुनीता दयाल और क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र शिशौदिया अपना संबोधन दे चुके थे और जैसे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आए तो कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा को माइक मिला और फिर सुनील शर्मा ने स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले इतिहास की वैधता पर सवाल उठा दिया। उन्होंने कई योद्धाओं का नाम लिया और कहा कि इन्हें इतिहास में स्थान क्यों नहीं मिला। सबसे खास बात ये रही कि कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने अपने संबोधन में इहिासकारों को भी कटघरे में खड़ा कर लिया और उन्होंने जो उदाहरण दिये उसे सुनकर हॉल में उपस्थित भाजपाइयों के रोंगटे खड़े हो गए और मुख्य अतिथि गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा की पीठ थपथपाई।
जब सुनील शर्मा ने कहा- दो मिनट में नहीं कही जा सकती ये बात
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा एक शानदार वक्ता हैं और वो हिंदुत्व पर इन दिनों मर्यादित भाषा के साथ खुलकर बोल रहे हैं। उनकी खूबी यही है कि वो विषयों पर सारगर्भित तरीके से लंबे समय तक बोल सकते हैं। शुक्रवार को वो पूरे मूड में थे और जब उन्हें माइक मिला तो उन्होंने यहां मुख्य अतिथि से निवेदन कर कहा कि विषय महत्वपूर्ण है और दो मिनट में बात नहीं कही जा सकती। फिर उन्होंने अनुमति ली और अपना भाषण शुरु किया। जोश का अंदाज था उनके वक्तव्य पर लगातार तालियां बजती रही। अहिल्या बाई होल्कर जयंती पर उन्होंने इतिहास के कई पहलुओं को खोलकर समझाया।
पुण्य श्लोका की उपाधि है केवल अहिल्या बाई होल्कर के नाम
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने माइक संभाला और कहा कि महान आत्मा वीरांगना, धर्म मूर्ति अहिल्या बाई होल्कर ने भारत में सनातन को स्थपित करने के लिये अपना जीवन समर्पित किया। ऐसी पुण्य श्लोका अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती पर उनके श्रीचरणो में नमन है। कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने कहा कि अहिल्या बाई होल्कर को पुण्य श्लोका की उपाधि से भारत के इतिहासकारों ने अलंकृत नहीं किया है। इतिहास लिखने वालों ने उन्हें पुण्य श्लोका नहीं कहा और वो कह भी नहीं सकते थे। उन्हें यह उपाधि हिंदु धर्म के सबसे बड़े गुरु चारों पीठों के शंकराचार्यों ने दी थी। चारों पीठ के शंकराचार्य कभी किसी विषय पर एकमत नहीं होते, लेकिन उन चारों ने अहिल्या बाई होल्कर को यह उपाधि दी। अहिल्या बाई होल्कर पहली और अंतिम पुण्य श्लोका हैं जिनो ये उपाधि मिली है। यह सम्मान हिंदू समाज में किसी दूसरे को नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि हर सनातनी हर हिंदू को अहिल्या बाई होल्कर की जयंती मनानी चाहिए।
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने कहा- स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है गलत इतिहास
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने अपने संबोधन में पढ़ाए जा रहे इतिहास की वैधता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश के इतिहासकारों ने जो पढ़ाया उस पर फिर से विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कक्षा छह, सात और आठ में अलग इतिहास पढ़ाया जाता है और डॉक्टेÑट में अलग इतिहास पढ़ाया जाता है। सुनील शर्मा ने कहा कि हमने किताबों वाले इतिहास में पढ़ा की भारत की खोज वास्कोडिगामा ने की और फिर उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि जब वास्कोडिगामा अपने पानी के जहाज से भारत आया तो उस समय भारत के पास उससे बड़े पानी के जहाज थे। सही बात यह है कि वास्कोडिगामा ने भारत की खोज नहीं की थी अपितु भारत की ओर आने वाले पानी के मार्ग की खोज की थी। उन्होंने कहा कि इतिहास में तीन महान बताए गए जिनमें अकबर महान, सिकंदर महान और बौद्ध धर्म अपनाने के बाद अशोक को भी महान बताया गया। जबकि इन इतिहासकारों ने अहिल्या बाई होल्कर को महान क्यों नहीं कहा।
बप्पा रावल से लेकर रामप्यारी गूर्जर का भी किया जिक्र
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने मंच पर माइक संभाला और फिर इतिहास के पन्नों को खोल दिया। उन्होंने कहा कि मेवाड़ के संस्थापक बप्पा रावल थे और बताया कि रावल पिंडी इन्हीं के नाम पर स्थपित किया गया था। उन्होंने राजा दाहिर का जिक्र किया और बताया कि उन्होंने अरबों को हराया था। फिर उन्होंने अपने संबोधन में रामप्यारी गूर्जर, सम्राट मिहिर भोज, राणा कुंभा, राणा सांगा, महाराणा प्रताप का जिक्र किया।
गांधी पर बनी फिल्म में नहीं था किसी भारतीय का रोल
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने इतिहास के बाद फिर गांधी युग की तरफ प्रस्थान किया। उन्होंने कहा कि 1947 में देश आजाद हुआ था और 1978 में मेरे घर पर टीवी आया था। यह टीवी शाम को छह से नौ बजे तक चलता था और उसमें गांधी नहीं बल्कि लूसी और चार्ली चैपलिन आते थे। उन्होंने फिर कहा कि परिवार तो फिरोज गांधी का था मगर, उनपर भी 35 साल तक कोई डॉक्यूमेंट्री नहीं बनी। फिर महात्मा गांधी पर बनाई फिल्म को लेकर उन्होंने कहा कि यह भी ऐसी फिल्म थी जिसमें कोई भारतीय नहीं था। इसके निर्देशक इंग्लैंड के रिचर्ड एटनबरो थे। लेखक अमेरिका के जॉन ब्रायली थे और इस फिल्म में महात्मा गांधी का रोल ब्रैन किंग्सले ने किया था। पूरी फिल्म में एक भी भारतीय नहीं था और यह फिल्म 1982 में बनी थी।
फिल्मों के उदाहरण से बताया इतिहास का एक पहलू
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने इतिहास की परत दर परत अपने ढंग से जानकारी दी। उन्होंने जब भारत के रण योद्धा गिनाए तो हरि सिंह नलवा का नाम लिया। कहा कि ये वही हरि सिंह नलवा है जिनके डर से अफगानिस्तानी पुरुषों ने सलवार पहनना शुरु किया था क्योंकि हरि सिंह नलवा महिलाओं पर हमला नहीं करते थे। बताया कि जब हरि सिंह नलवा की मृत्यु हो गई तो भी कई वर्षों तक पंजाब के सरदारों ने उनके वस्त्रों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि शोले पिक्चर में जो डायलॉग था कि ह्यसो जा बेटा, नहीं तो गब्बर आ जाएगाह्ण, दरअसल यह डायलॉग अफगानिस्तान की महिलाएं अपने बच्चों को सुलाने के लिये करती थीं और वो ये कहती थीं कि सो जाओ नहीं तो हरि सिंह नलवा आ जाएगा। उन्होंने दीवार फिल्म के डायलॉग का उदाहरण दिया और कहा कि इतिहासकारों ने कक्षा छह, सात और आठ में मोहम्मद गोरी, रजिया सुल्तान तो बताए, लेकिन भारतीय योद्धा नहीं बताए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बताया है गौरवमयी इतिहास
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने गौरवमयी इतिहास का क्रेडिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. बीआर अंबेडकर, अहिल्या बाई होल्कर, महाराणा प्रताप जैसे योद्धाओं का गौरवमयी इतिहास देश को बताया कि हमारे महापुरुष शूरवीर थे और हमारा इतिहास योद्धाओं का रहा है। हम विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था हैं। कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरा क्रेडिट देते हुए कहा कि आजादी के बाद काशी विश्वनाथ के कोरिडोर का निर्माण उन्हीं के द्वारा किया गया। बनारस में अहिल्या बाई होल्कर की मूर्ति स्थापित करने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और उन्होंने ही पूरे देश को बताया कि भारत का इतिहास सनातन का है। राजा राम चोलकर राजेंद्र चोल का है। जिनका शासन इंडोनेशिया, मलेशिया तक था। भारत में विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णवीर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के हर सनानती को गौरवमयी इतिहास बताया है।
मुख्य अतिथि ने छह बार लिया कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा का नाम
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने जब मंच पर आकर माइक संभाला तो पूरा माहौल रोमांच से परिपूर्ण हो गया। वो इतिहास की नवोदित जानकारी दे रहे थे। उनके हर संबोधन पर तालियों की गड़गड़ाहट हुई। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से अनुमति लेकर उन्होंने अपना भाषण दिया था और कैबिनेट मंत्री के भाषण का जलवा तब दिखाई दिया जब मुख्य अतिथि गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने भाषण में एक या दो बार नहीं अपितु छह बार कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा का नाम लिया।



