विशेष संवाददाता
गाजियाबाद । महानगर अध्यक्ष वाली कमान संभालने के बाद मयंक गोयल ने एक जबर्दस्त पारी खेली है। उन्होंने अल्प समय में खुद को साबित किया है। वो अपने काम के माध्यम से ये संदेश देने में सफल रहे हैं कि संगठन में अलग-अलग दायित्वों पर रहकर उन्होंने कार्यकर्ता के रूप में काम किया है। वो ये जानते हैं कि पार्टी के आयाम को कैसे सफल बनाना है। कार्यकतार्ओं की टीम के साथ कैसे काम करना है। ये भाजपा के कार्यक्रम बता रहे हैं कि महानगर कप्तान के रूप में मयंक गोयल ने कई आयाम संभाले हैं। मयंक गोयल ने महानगर अध्यक्ष के रूप में 16 मार्च को कमान संभाली थी और उसके बाद फिर लगातार प्रोग्रामों की एक झड़ी लग गई। मयंक गोयल ने जब महानगर अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल शुरू किया तो उनके सामने पहला कार्यक्रम बिहार दिवस का आया। इंदिरापुरम में ये कार्यक्रम आयोजित हुआ और इसमें राधा मोहन सिंह आए।
कार्यक्रम सफल रहा और फिर दूसरा कार्यक्रम बूथ प्रवास का आया, जिसमें आरएमडी अग्रवाल आए। अभी ये दोनों कार्यक्रम किये और फिर मयंक गोयल के पास सरकार के आठ साल के बेमिसाल का कार्यक्रम आया, एक सफल रैली निकाली। महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल के नेतृत्व में विशाल सम्मेलन आयोजित हुआ। जिसमें डिप्टी सीएम कैशव प्रसाद मौर्य आए। फिर मयंक गोयल के नेतृत्व में ही भाजपा ने डॉ. बी आर अंबेडकर जयंती मनाई। इसमें डिप्टी सीएम आए। मयंक गोयल अध्यक्ष के रूप में जबर्दस्त पारी खेल रहे हैं और जिम्मेदारी की बात ये है कि लगातार कार्यक्रम आ रहे हैं और वो लगातार सफलतापूर्वक सभी कार्यक्रम आयोजित करा रहे हैं, मन की बात के दो कार्यक्रम आयोजित हुए और ये दोनों कार्यक्रम बड़े कार्यक्रम थे, जिनमें एक कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी आए और दूसरे कार्यक्रम में विजय बहादुर पाठक आए।
कार्यक्रमों का ये सिलसिला जारी है और फिर जिला संगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमे डॉ. महेंद सिंह आए। मयंक गोयल अपनी टीम के साथ एक सधी हुई थीम पर काम कर रहे हैं और वो उस समय छा गए जब उन्होंने तिरंगा शौर्य यात्रा को सफलतापूर्वक निकाला। यहां पर बड़ी चुनौती ये थी कि कार्यक्रम की रूपरेखा ऐन मौके पर बदल दी गई थी, लेकिन मयंक गोयल ने अपने नेतृत्व में इस कार्यक्रम को केवल सफल ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक रूप से सफल बनाया। इसकी सफलता इसी से मापी जा सकती है कि भाजपा के प्रदेश संगठन ने महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल के नेतृत्व में निकाली गई तिरंगा शौर्य यात्रा को अन्य जिलों के लिये भी रोल मॉडल बनाया। अब अहिल्याबाई होल्कर जन्म शताब्दी कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। लगातार कार्यक्रम चल रहे हैं और फिर आपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर हर वार्ड में यात्रा निकाली गई है। मयंक गोयल ने छोटे से कार्यकाल में एक बड़ा कमाल किया है। यहां पर उनका स्कोर कार्ड इसलिये भी अहम हो जाता है क्योंकि अध्यक्ष वाली कमान संभालते ही लगातार कार्यक्रम आए हैं। बड़ी बात ये है कि अभी महानगर की टीम घोषित होनी है, लेकिन ये मयंक गोयल का कम्यूनिकेशन है कि उन्होंने अपने नेटवर्क के चलते पूरे वर्क को सेट तरीके से किया है।



