
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद के लोनी नगर पालिका क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर एक गंभीर विवाद उभरा है। करीब 15 पार्षदों ने जिलाधिकारी को एक शिकायत पत्र सौंपा है, जिसमें नगर पालिका में भ्रष्टाचार और कार्यों में अनियमितताएं बताई गई हैं। पार्षदों का आरोप है कि उनके वार्डों में होने वाले विकास कार्यों की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ियां हुई हैं, और चेयरमैन ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके भ्रष्टाचार किया है।
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए नगर पालिका चेयरमैन रंजीता धामा ने स्पष्ट किया कि जिन कार्यों के टेंडर की शिकायत की जा रही है, वे अब तक खुले ही नहीं हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी कार्य राज्य वित्त से संबंधित हैं, जिनके टेंडर 30 अप्रैल को खोले जाने थे। रंजीता ने कहा कि शिकायतें दबाव बनाने के उद्देश्य से की गई हैं।
चेयरमैन ने दावा किया कि इस मामले में उन्होंने गाजियाबाद के जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी से मुलाकात की थी। जिलाधिकारी ने शिकायत पत्र पढ़ने के बाद इसे पार्षदों और चेयरमैन के बीच के धृेद का मामला बताया।
रंजीता धामा ने टेंडर न खोलने का आरोप लोनी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) पर लगाया है। उन्होंने कहा कि ईओ एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर काम कर रहे हैं, जिसके चलते जानबूझकर टेंडर प्रक्रिया में देरी की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि मानसून के कारण लोनी की सड़कों में जलभराव की स्थिति बन सकती है, जिससे जनता को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ेगा।
चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि अगर टेंडर जल्द नहीं खोले गए, तो वे लोनी की जनता के साथ धरने पर बैठेंगी। उन्होंने कहा कि यदि विकास कार्य रोक दिए गए, तो जनता की समस्याएं बढ़ेंगी, और वे इस मुद्दे के खिलाफ संघर्ष करेंगी।