
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय मध्य पूर्व यात्रा पर हैं. उन्होंने कल इंवेस्टमेंट फोरम के मंच से ऐलान किया कि वह सीरिया पर लगे सभी प्रतिबंध हटा रहे हैं. इसके एक दिन बाद बुधवार सुबह ट्रंप ने सीरिया के लीडर अल-शरा से मुलाकात की. अल-शरा अमेरिका द्वारा घोषित आतंकवादी लिस्ट में शामिल है और उनके ऊपर एक करोड़ डॉलर का इनाम है.
अल-शरा सीरिया के चरमपंथी संगठन हयात तहरीर अल-शाम के प्रमुख है. इसी संगठन ने सीरिया से बशर अल-असद के तख्तापलट में अहम भूमिका निभाई है, ये संगठन भी अमेरिका की प्रतिबंधित सूची में शामिल है. ट्रंप की इस मुलाकात के बाद उनके ऊपर कई सवाल उठाए जा रहे हैं, जिस अमेरिका ने आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर मध्य पूर्व के कई देशों में बम गिराए उसका नेता आज एक ‘आतंकवादी’ से मिल रहा है. बता दें कि ऐसा 25 सालों में पहली बाप है जब सीरिया और अमेरिका के शीर्ष नेता एक दूसरे से मिले हैं.
अल-शरा का चरमपंथ से पुराना नाता?
अहमद अल-शरा को अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाना जाता रहा है. लेकिन सीरिया पतह के बाद उन्होंने अपना अल-शरा रखा है. वह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का नेता है, जिसे कई देशों और अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है. उन्हें सीरियाई संघर्ष में एक प्रमुख शख्स माना जाता है, जिन्होंने बशर अल-असद के शासन को उखाड़ फेंकने के लिए HTS का नेतृत्व किया.
HTS ही नहीं वह अल-कायदा से भी जुड़े रहे हैं. HTS को अल-कायदा की सीरियाई शाख के नाम से जाना जाता था. अल-शरा पर इराक में हुअ अतंक गतिविधियों में भी शामिल होने के आरोप है. अंतररार्ष्ट्रीय संगठनों और निकायों ने HTS और अल-शरा को जिम्मेदार ठहराते हुए युद्ध अपराधों और मानवाधिकारों के हनन के साक्ष्य एकत्र किए हैं.
अल-शरा खुद दिखा रहे खुदकों उदारवादी
सीरिया की कुर्सी संभालने के बाद से ही अल-शरा खुदको उदारवादी दिखा रहे हैं. वह पश्चिमी नेताओं की तरह सूट पहनते हैं और इस बात की वकालत करते हैं कि सीरिया के विकास के लिए पश्चिमी प्रतिबंधों का हटना जरूरी है.
अल-शरा को सऊदी कतर जैसे बड़े सुन्नी देश का समर्थन हासिल है. मध्य पूर्व के इस दौरे से ट्रंप को अमेरिका में बड़े निवेश की उम्मीद है, ऐसे में माना जा रहा है कि ट्रंप ने सऊदी प्रिंस के दबाव में आकर ये मुलाकात की है और वह धंधे के फेर में अंधे हो गए हैं.