
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । देश में खेल के इतिहास में सुर्खियों में रहा कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला और इसे जुड़ें मनी लांड्रिंग मामले में आयोजन समिति के प्रमुख सुरेश कलमाड़ी और ललित भनोट को अदालत से क्लीन चिट मिली गई है. इससे कांग्रेस को संजीवनी मिल गई है.
सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने वर्ष 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुरेश कलमाड़ी और ललित भनोट के खिलाफ ईडी के क्लोजर रिपोर्ट को मंजूर कर लिया है. राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने टिप्पणी किया कि इस मामले में सीबीआई ने भी जांच बंद कर दी है और सीबीआई के केस के आधार पर ही ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दाखिल किया था. ऐसे में अब सुरेश कलमाडी और ललित भनोट के खिलाफ केस चलाने का कोई मतलब नहीं है. कोर्ट ने ईडी की इस रिपोर्ट पर गौर किया कि जांच के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग का कोई सबूत नहीं मिला. ऐसे में ईडी की ओर से दर्ज अभियोजन शिकायत को बंद करने की मांग मंजूर कर लिया.
मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं मिला कोई सबूत: कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि, वर्ष 2014 से पहले, अरविंद केजरीवाल और भाजपा ने जुगलबंदी करके कांग्रेस को बदनाम करने के लिए 2G और कॉमनवेल्थ जैसे झूठे घोटाले गढ़े थे, दो बेहद ईमानदार और समर्पित नेताओं डॉ. मनमोहन सिंह और शीला दीक्षित पर झूठे आरोप लगाए गए थे. 2G का सच पहले ही अदालत में सामने आ चुका था. अब कॉमनवेल्थ गेम्स मामले में भी ईडी की क्लोज़र रिपोर्ट को अदालत ने स्वीकार कर लिया है. साफ है दोनों आरोप झूठे थे! देश को गुमराह करने के लिए नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस और भारत की जनता से माफ़ी माँगनी चाहिए.
कांग्रेस को बदनाम करने के लिए झूठ का हथियार किया इस्तेमाल: वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिल्ली में शीला दीक्षित सरकार में उनके वरिष्ठ सलाहकार पवन खेड़ा ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ईडी ने तथाकथित कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर दी. सालों तक भाजपा की इकोसिस्टम ने 2G, CWG, रॉबर्ट वाड्रा और कोयला मामलों को लेकर कांग्रेस को बदनाम करने के लिए झूठ का हथियार बनाया. आज सच्चाई मज़बूती से खड़ी है और उनके झूठ धराशायी हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि ये मामले कभी न्याय के लिए नहीं थे. ये केवल राजनीतिक प्रताड़ना, सुर्खियों में बने रहने और अपनी असफलताओं से ध्यान भटकाने का षड्यंत्र थे.
क्या प्रधानमंत्री देश से माफी मांगेंगे: पवन खेड़ा ने आगे कहा कि इन गढ़े हुए मामलों का पतन सिर्फ कानूनी विजय नहीं है, बल्कि भाजपा की झूठे विमर्श की राजनीति पर एक नैतिक और राजनीतिक अभियोग है. सच चिल्लाता नहीं है वह शांति से, सशक्त रूप से और अनिवार्यता के साथ सामने आता है. क्या अब प्रधानमंत्री देश से माफी मांगेंगे? क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता से माफी मांगेंगे? बता दें कि वर्ष 2010 में संपन्न हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद भाजपा ने इसके आयोजन में करोड़ों रुपए के घोटाला का मुद्दा जोर-जोर से उठाया था. इस दौरान वर्ष 2012 में हुए अन्ना आंदोलन में भी यह मुद्दा उठा और कांग्रेस सरकार की छवि को बड़ा नुकसान पहुंचा था.



