
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल ने एक साल से फरार चल रहे इनकम टैक्स विभाग के कर्मचारी और लूट मामले के मास्टरमाइंड दीपक कश्यप को गिरफ्तार किया है. उसपर आयकर विभाग की पहचान का दुरुपयोग कर जबरन वसूली और डकैती की साजिश रचने का आरोप है.
डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया की 1 अगस्त, 2023 को जनकपुरी निवासी एक व्यवसायी की पत्नी ने पुलिस को सूचना दी थी कि सात अज्ञात लोग, जिनमें एक महिला भी शामिल थी, उनके घर में घुस आए. ये लोग खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताकर व्यवसायी को तुरंत घर लौटने के लिए दबाव बना रहे थे. आरोपियों ने परिवारजनों को बंधक बनाकर उनके मोबाइल फोन छीन लिए और पूरे घर में भय का माहौल बना दिया. जांच में सामने आया कि आरोपियों ने इस वारदात के लिए एक कार का इस्तेमाल किया था.
पद का गलत इस्तेमाल किया: जांच में पता चला कि दीपक कश्यप, जो 2012 से इनकम टैक्स विभाग में कार्यरत था और वर्तमान में पर्सनल सेक्रेटरी के पद पर था, उसने अपने आधिकारिक ज्ञान और पद का गलत इस्तेमाल कर इसकी योजना बनाई थी. अन्य साथियों को सरकारी अधिकारी बनकर पीड़ितों को डराने का प्रशिक्षण भी उसी ने दिया था.
काफी समय से था फरार: दीपक पहले गिरफ्तार हुआ था, लेकिन जमानत रद्द होने के बाद से फरार चल रहा था. अदालत ने उसे अपराधी घोषित किया गया था. तकनीकी निगरानी, वित्तीय लेनदेन और सोशल मीडिया गतिविधियों का गहन विश्लेषण करते हुए हेड कॉन्स्टेबल गजेन्द्र सिंह ने उसके संभावित ठिकानों का पता लगाया और बीते 26 अप्रैल सब्जी मंडी क्षेत्र से दीपक कश्यप को गिरफ्तार कर लिया. वह मंडावली, फजलपुर का रहने वाला है और वर्ष 2012 में स्टेनोग्राफर के रूप में नियुक्त हुआ था. इसके बाद वह 2018 में पदोन्नती के बाद उसे पर्सनल सेक्रेटरी बना दिया गया था.