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पहलगाम आतंकी हमला: तीनों सेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री से कहा- हम तैयार, अब PM मोदी के सिग्नल का इंतजार !

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ये 10 चीजें कर सकता है !

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है. पीएम नरेंद्र मोदी सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली आ गए और आते ही एक्शन मोड में भी आ गए. दिल्ली में शाम 6 बजे CCS की बैठक हो रही है. इस बीच आतंकी हमले से बदले हालात के बीच तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि वे हर परिस्थति के लिए तैयार हैं.

सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई हाई लेवल मीटिंग में जम्मू कश्मीर की समग्र स्थिति की समीक्षा की गई. इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष सीडीएस जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं (थल, नभ और जल) के प्रमुख और रक्षा सचिव ने हिस्सा लिया. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल भी शामिल हुए.

रक्षा मंत्रालय में 2.5 घंटे चली बैठक

इस हाई लेवल मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की गई. मीटिंग में तीनों सेनाओं के प्रमुख ने अपनी-अपनी तयारियों को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उनकी तीनों सेनाएं हर परिस्थिति के लिए तैयार है. यह बैठक करीब 2.5 घंटे तक चली.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों को अपनी युद्ध तत्परता बढ़ाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों की में तेजी लाने का निर्देश दिया.

पहलगाम हमले का बदला लेने की तैयारी

इस बीच हमले को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी जांच शुरू कर दी है. पहलगाम हमले का बदला लेने की तैयारी चल रही है. फिलहाल सुरक्षाबलों ने कई संदिग्ध हिरासत में लिया है. पहलगाम के जंगलों में सुरक्षाबलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रही है.

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “पहलगाम के आतंकी हमले में अपनों को खोने का दर्द हर भारतीय को है. दुःख को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता. मैं अपने इन सभी परिवारों और पूरे देश को इस बात का विश्वास दिलाता हूं कि बेगुनाह लोगों को मारने वाले इन आतंकियों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा.”

राजनाथ सिंह ने भी आतंकी हमले पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, “पहलगाम में आतंकवादी हमले की खबर से बहुत दुख हुआ. निर्दोष नागरिकों पर यह नृशंस हमला कायरतापूर्ण और बहुत ही निंदनीय कृत्य है. पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना जताता हूं.”

पहला – राजनयिक संबंधों को समाप्त करना या कम करना – भारत सरकार नई दिल्ली के पाकिस्तान उच्चायोग में राजनयिक के रूप में तैनात पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को निष्कासित कर सकती है. साथ ही, पाकिस्तानी उच्चायोग को आवंटित जमीन को वापस ले सकता है.

दूसरा – राजनयिक कर्मचारियों को वापस बुलाना – भारत इस्लामाबाद से अपने राजनयिकों को वापस बुला सकता है. अगर ऐसा होता है तो ये बहुत बड़ा घटनाक्रम होगा. इससे दोनों देशों के बीच के द्विपक्षीय बातीचत केवल ईमेल तक सीमित हो जाएगी.

तीसरा – सिंधु जल संधि (IWT) को निलंबित करना – भारत सिंधु जल संधि यानी IWT को पूरी तरह से निलंबित कर सकता है. भारत इसके पीछे ये हवाला दे सकता है कि कई कानूनी नोटिसों के बावजूद पाकिस्तान की तरफ से निरंतर सहयोग की कमी रही.

चौथा – अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जानकारी देना: भारत पहलगाम हमले में पाकिस्तान की कथित भूमिका के बारे में नई दिल्ली में राजनयिक कोर और P5 देशों (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य) को जानकारी दे सकता है. इसका भी कूटनीतिक तौर पर काफी गहरा असर पड़ेगा.

पांचवां – विदेशी दूतों को साक्ष्य दिखाएं: भारत बैसरन, पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जगह पर विदेशी राजदूतों के दौरे का आयोजन कर सकता है. साथ ही, पीड़ितों के परिवारों के साथ बैठकें आयोजित कर सकता है, ताकि आम लोगों की तकलीफों को बयां किया जा सके.

छठा – वीजा जारी करना बंद करना – भारत पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा जारी करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा सकता है. अगर ऐसा होता है तो दोनों देशों के बीच का पीपल-टू-पीपल कनेक्ट भी पूरी तरह भारत काट देगा. साथ ही, इससे पाकिस्तान को एक सख्त संदेश भी जाएगा.

सातवां – पाकिस्तान में भारतीयों की यात्रा को प्रतिबंधित करना – भारत पाकिस्तानी वीजा चाहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए गृह मंत्रालय से एनओसी जरूरी कर सकता है. इससे सुरक्षा मानकों पर नए सिरे से विचार संभव होगा.

आठवां – करतारपुर कॉरिडोर बंद करना – भारत सरकार तत्काल प्रभाव से करतारपुर कॉरिडोर के संचालन को निलंबित कर सकती है.

नौवां – सभी व्यापार बंद करना: भारत यूएई जैसे तीसरे देशों के माध्यम से पाकिस्तान के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर हो रहे व्यापार पर रोक लगा सकता है.

दसवां – सीमा समारोह समाप्त करना: भारत वाघा सीमा ध्वज समारोह, बीटिंग रिट्रीट और हुसैनवाला और आरएस पुरा सीमाओं पर इसी तरह के कार्यक्रमों को बंद कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो ये भी काफी ऐतिहासिक घटनाक्रम होगा.

इन उपायों का उद्देश्य पाकिस्तान को कूटनीतिक, आर्थिक और प्रतीकात्मक रूप से अलग-थलग करना है, साथ ही पहलगाम आतंकी हमले की वजह से उपजी चिंताओं को दूर करना है. वहीं, सैन्य विकल्पों की जानकारी सार्वजनिक तौर पर नहीं आई है क्योंकि इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जानी है. सैन्य अभियानों का उद्देश्य पाकिस्तानी सेना और लश्कर-ए-तैयबा को निशाना बनाना है.

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