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पहाड़ के ठाकुरों से डर गई ‘आप’? सिसोदिया Vs नेगी की लड़ाई का अंजाम, पटपड़गंज छोड़ भागे जंगपुरा

विशेष संवाददाता 

नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपनी दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. आम आदमी पार्टी की दूसरी लिस्ट में 20 उम्मीदवारों के नाम हैं. इस लिस्ट में ‘आप’ ने वैसे तो कई बड़े-बड़े चेहरों को टिकट दिया है. लेकिन, इस लिस्ट में आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के बाद पार्टी में नंबर-2 माने जाने वाले दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीट बदल दी गई. मनीष सिसोदिया इस बार पटपड़गंज से न लड़कर जंगपुरा से मैदान में उतरेंगे. हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले शिक्षाविद् अवध ओझा को मनीष सिसोदिया की जगह पटपड़गंज से मैदान में उतारा गया है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर मनीष सिसोदिया ने यह सीट क्यों बदली?

दिल्ली चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने 11 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट इस महीने के शुरुआत में जारी की थी. सोमवार को पार्टी ने 20 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में वैसे तो कई नाम हैं, लेकिन मनीष सिसोदिया का सीट बदलना चर्चा का विषय बना हुआ है. दिल्ली के लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया को जंगपुरा से लड़ाने का फैसला क्यों लिया और इसके पीछे की वजह क्या है?

सिसोदिया ने क्यों सीट बदली?

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया पटपड़गंज सीट से एक समय काफी मुश्किल में फंस गए थे. मनीष सिसोदिया कई राउंड तक बीजेपी प्रत्याशी रविंद्र सिंह नेगी से पिछड़े थे. आखिरी के कुछ राउंड में किसी तरह मनीष सिसोदिया ने जीत दर्ज की थी. तब हारने के बाद रवींद्र सिंह नेगी ने कहा था, ‘वह हार कर भी जीत गए हैं. क्योंकि, उन्होंने आम आदमी पार्टी के दिल्ली मॉडल को पर्दाफाश कर दिया है. मैंने मनीष सिसोदिया को पानी पिला दिया.’

क्या है उत्तराखंड वाला फैक्टर?

आपको बता दें कि पटपड़गंज सीट का गणित काफी उलझा हुआ है. इस सीट पर उत्तराखंड के वोटर ज्यादा हैं. राजपूत वोटर अहम रोल अदा करते हैं. इसके बाद ब्राह्मण वोटरों का नंबर आता है. साल 2020 के चुनाव में राजपूत वोटर्स रविंद्र सिंह नेगी के पक्ष में जमकर वोट डाले थे. मनीष सिसोदिया भी राजपूत जाति से ही आते हैं. लेकिन, वह पश्चिमी उत्तर प्रेदश के राजपूत हैं. 2020 के चुनाव में राजपूतों नेगी को ज्यादा वोट किया. कहा जा रहा है कि इस बार भी बीजेपी की तरफ से रविंद्र सिंह नेगी का टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है. ऐसे में सिसोदिया के लिए मुश्किलें इसलिए भी बढ़ने वाली थीं, क्योंकि वह शराब घोटाले में अभी-अभी जेल से जमानत पर बाहर आए हैं. ऐसे में उनकी छवि को बीजेपी मुद्दा बनाती. इससे पहले ही अरविंद केजरीवाल ने बड़ी चाल चल दी.

मनीष सिसोदिया ने क्या कहा?

आम आदमी पार्टी की दूसरी लिस्ट जारी करने के बाद मनीष सिसोदिया ने एक्स पर एक पोस्ट किया है. इस पोस्ट में सिसोदिया ने कहा, अरविंद केजरीवाल जी और आम आदमी पार्टी का तहे दिल से आभार, जिन्होंने मुझ पर विश्वास जताते हुए जंगपुरा से चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी दी. मैं खुद को एक शिक्षक मानता हूं, राजनीतिज्ञ नहीं. पटपड़गंज मेरे लिए सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र नहीं, बल्कि दिल्ली में शिक्षा क्रांति का दिल था. जब अवध ओझा जी पार्टी से जुड़े और उन्हें चुनाव लड़ाने की मांग उठी, तो मैं यही सोच पाया कि एक शिक्षक के लिए पटपड़गंज से बेहतर सीट कोई हो ही नहीं सकती. एक और शिक्षक को पटपड़गंज की जिम्मेदारी सौंपते हुए मुझे खुशी है. मैं अब जंगपुरा में सबके साथ मिलकर वही काम करने को तैयार हूं, जो पटपड़गंज में शिक्षा, सेवा और विकास के लिए किया.’

आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया साल 2020 के चुनाव में 10वें राउंड तक नेगी से लगातार पिछड़ते रहे थे. 11वें राउंड में बढ़त बनाई. सिसोदिया ने रवींद्र सिंह नेगी को करीब 3,500 मतों के अंतर से हराया. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया ने बीजेपी उम्मीदवार विनोद कुमार बिन्नी को इस सीट से हराया था. वहीं, 2013 के विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया ने बीजेपी कैंडिडेट नकुल भारद्वाज को हराया था.

 

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