
विशेष संवाददाता
अंबाला। पंजाब-हरियाणा (शंभू) बॉर्डर से किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे हैं. किसानों ने इसे ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन नाम दिया है, जिसमें शंभू बॉर्डर पर 8 महीने (13 फरवरी) से धरना दे रहे किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली के बिना पैदल ही दिल्ली की तरफ बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। आज 101 किसानों का पहला जत्था रवाना होने की कोशिश में शंभू बॉर्डर पर जुटा हुआ है।
नौ महीने से अधिक समय से पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर डेरा डाले हुए किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी सहित कई मुद्दों पर अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को संसद तक अपना विरोध मार्च फिर से शुरू किया है करेंगे। किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा-और दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी है। सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों पर लगा दी गई है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। ड्रोन और वाटर कैनन का अरेंजमेंट भी किया गया है। बता दें कि शंभू बॉर्डर पंजाब के पटियाला और हरियाणा के अंबाला को जोड़ती है।
विरोध को देखते हुए, हरियाणा के अंबाला जिले में 9 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। पुलिस ने कहा कि सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और उनके पास किसानों से निपटने के लिए पर्याप्त बल हैं। भारी बैरिकेडिंग की गई है और अंबाला प्रशासन ने पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पंधेर ने कहा कि किसान ट्रैक्टर लेने के बजाय पैदल मार्च करेंगे। पंढेर ने कहा कि हम पिछले आठ महीने से यहां बैठे हैं। इन आरोपों के जवाब में कि हमारे ट्रैक्टर संशोधित हैं, हमने पैदल दिल्ली तक मार्च करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को खाप पंचायतों और व्यापारिक समुदाय के सदस्यों से समर्थन मिला है। किसान मुख्य रूप से फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं और इससे पहले उन्होंने 13 फरवरी और 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करने का प्रयास किया था।
शंभू बॉर्डर पर किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की। उन्होंने बैरिकेड की एक लेयर को हटा दिया और आगे बढ़ने लगे। इस दौरान किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और एक किसान को डिटेन कर लिया। आंदोलनकारी किसान किसी भी वक्त दिल्ली के लिए कूच कर सकते हैं. हालांकि, उन्हें रोकने के लिए भारी पुलिसबल तैनात किया गया है।
किसानों के विरोध-प्रदर्शन पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा,’क्या उन्होंने (किसानों ने) अनुमति ली है? बिना अनुमति के उन्हें (दिल्ली) जाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है? अगर उन्हें अनुमति मिलती है, उन्हें इजाजत दी जा सकती है।
किसान आंदोलन को देखते हुए अंबाला में आज से 9 दिसंबर तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। प्रदेश सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि अंबाला के गांवों डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, लहर्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू के क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।



