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राहुल गाँधी के अंकल सैम पित्रोदा ने नस्लीय बयान पर विवाद के बाद दिया इस्तीफा

राजीव गांधी के करीबी इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा पहले भी करा चुके है कांग्रेस की फजीहत

संवाददाता

नई दिल्ली । पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी कांग्रेस नेता और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने सैम पित्रोदा के एक बयान पर देशभर में हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा के नस्लीय बयान को लेकर कांग्रेस की थू-थू हो रही है। पित्रोदा ने अपने बयान में पूर्वी भारत के लोगों की तुलना चीनी लोगों से और दक्षिण भारतीय लोगों की तुलना अफ्रीकी लोगों से की है। सैम पित्रोदा इसके पहले भी कई बार कांग्रेस की फजीहत करा चुके हैं। आइए डालते हैं उनके कुछ विवादित बयानों पर जिससे कांग्रेस की काफी किरकिरी हो चुकी है।

सैम पित्रोदा पर विवादित बयान देना भारी पड़ गया। मीडिया में भारत की विविधता को लेकर दिए गए हालिया बयान पर शुरू हुए विवाद के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने स्वीकार भी कर लिया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पित्रोदा के इस्तीफे को लेकर एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए जानकारी दी। रमेश ने एक्स पर लिखा है कि ” सैम पित्रोदा ने अपनी मर्जी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पर से इस्तीफा देने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर दिया है।

नस्लवादी बयान

राहुल गांधी के साथ उनके पिता राजीव गांधी के भी करीबी रहे सैम पित्रौदा ने एक विवादित बयान देते हुए दक्षिण भारतीय लोगों की तुलना अफ्रीकी और पूर्वोत्तर भारतीय लोगों की तुलना चीनी लोगों से की है। देश की विविधता पर बात करते हुए ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख पित्रोदा ने कहा कि भारत में दक्षिण के लोग अफ्रिकियों जैसे दिखाई पड़ते हैं। अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि देश के पूर्वी हिस्से के लोग चीनी और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी नागरिकों जैसे दिखते हैं। सैम पित्रोदा ने कहा कि जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं।

भड़क गए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा के नस्लीय बयान को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। तेलंगाना के वारंगल में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने सैम पित्रोदा के रंगभेदी बयान पर कहा कि शहजादे के सलाहकार चमड़ी के रंग पर गाली देते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे कोई गाली दे, मैं सहन कर लेता हूं। लेकिन शहजादे के फिलॉसफर ने इतनी बड़ी गाली दी है कि मुझे गुस्से से भर दिया है। क्या मेरे देश में चमड़ी के रंग पर लोगों की योग्यता तय होगी। चमड़ी के रंग का खेल शहजादे को किसने इजाजत दी है। वे रंग के आधार पर मेरे देश के लोगों का अपमान कर रहे हैं। चमड़ी के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान मेरा देश सहन नहीं करेगा और मोदी तो कतई नहीं करेगा।

कांग्रेस ने किया था बयान से किनारा

हालांकि सोशल मीडिया पर इस बयान के बाद हंगामा मच गया और पीएम समेत बीजेपी के कई नेताओं की ओर से निशाने पर आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने पित्रोदा के इस बयान से किनारा कर लिया। विवाद होने के कुछ ही घंटों बाद कांग्रेस पार्टी ने साफ किया कि उसका उनके इस बयान से कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस के महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने पर एक पोस्ट में लिखा, ‘सैम पित्रोदा द्वारा भारत की विविधताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वह अत्यंत ग़लत व अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से अपने-आप को पूर्ण रूप से अलग करती है। इससे पहले विरासत कर को लेकर दिए गए उनके बयान को लेकर भी खूब सियासी बवंडर उठा था।

कौन हैं सैम पित्रोदा?

सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा यानि सैम पित्रोदा का तकनीक और सूचना के क्षेत्र में खासा दखल है। 80 के दशक में राजीव गांधी की पहल पर पित्रोदा ने टेलीकॉम सेक्टर में रिसर्च के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टैलिमैटिक्स की नींव रखी थी, जिसके बाद राजीव गांधी की ओर से उन्हें टेलीकॉम पॉलिसी का आधार रखने की जिम्मेदारी भी दी गई थी। पित्रोदा यूपीए सरकार के वक्त भी अहम पदों पर रहे हैं। वो राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं और इसी वजह से उनके बयानों पर विवाद उठने के बाद बीजेपी की ओर से राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया जाता है।

सैम पित्रोदा अपने बयानों से पहले भी कांग्रेस की किरकिरी करा चुके हैं आइये नजर डालते हैं उनके विवादित बयानों पर

विरासत टैक्स

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा ने भारत में अमेरिका की तरह विरासत टैक्स लगाने की बात की है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका में किसी व्यक्ति के मरने पर उसकी संपत्ति का 55 प्रतिशत हिस्सा सरकार ले लेती है जबकि उसके बच्चों को सिर्फ 45 प्रतिशत हिस्सा मिलता है। पित्रोदा ने यह भी कहा कि भारत में इस तरह का कानून नहीं है। इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक नीतिगत मुद्दा है और कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा।

हुआ तो हुआ

राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा के ‘हुआ तो हुआ’ बयान को लेकर भी काफी हंगामा हुआ था। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पिछले लोकसभा चुनाव 2019 के समय 1984 के सिख विरोधी दंगे को लेकर विवादित बयान दिया था। सिख विरोधी दंगे को लेकर उन्होंने कहा था कि अब क्या है 84 का? 1984 में हुआ तो हुआ।

पुलवामा जैसे हमले होते रहते हैं

पुलवामा में आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। भारत के इस सर्जिकल एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए सैम पित्रोदा ने कहा था कि ऐसे हमले होते रहते हैं। कुछ आतंकियों ने हमला किया, इसकी सजा पूरे पाकिस्तान को क्यों दी जा रही है?

मंदिर से रोजगार नहीं मिलेगा

कांग्रेस शुरू से अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के खिलाफ रही है। ऐसे में राम मंदिर निर्माण के समय राहुल गांधी के इस करीबी इस नेता ने कहा था कि भारत में बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा जैसी समस्याओं के बारे में कोई बात ही नहीं करता। हर कोई राम, हनुमान और मंदिर की बात करते हैं। मंदिर बनाने से आपको रोजगार नहीं मिलेगा।

मिडिल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए

सैम पित्रोदा ने एक बार यह भी कहा था कि मिडिल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए। उन्हें ज्यादा टैक्स देने के लिए कमर कस लेना चाहिए।

संविधान निर्माण पर विवादित बयान

पित्रोदा ने इसी साल जनवरी 2024 में इसका समर्थन किया कि जवाहरलाल नेहरू ने संविधान के निर्माण में बीआर अंबेडकर से अधिक योगदान दिया था। सैम पित्रोदा ने ट्विटर पर एक लेख को शेयर किया, जिसमें दावा किया गया था कि जवाहरलाल नेहरू ने संविधान के निर्माण में बीआर अंबेडकर से अधिक योगदान दिया था। बाद में इस पर हंगामा होने पर पित्रोदा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से यह पोस्ट डिलिट कर दिया।

 

 

 

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