विशेष संवाददाता
लखनऊ । यूपी की जेलें कई बड़े माफिया और कुख्यात अपराधियों की कब्रगाह बन चुकी हैं। बीमारी के अलावा जेलों में हुई गैंगवार बड़े अपराधियों का काल बन गयीं। बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
बता दें कि मुख्तार से पहले माफिया खान मुबारक और दुर्दांत अपराधी मुनीर की भी जेल में बीमारी से मौत हो चुकी है। एनआईए अफसर तंजील अहमद के हत्यारे बिजनौर निवासी मुनीर की 21 नवंबर 2022 को वाराणसी के बीएचयू मेडिकल कॉलेज में बीमारी की वजह से मौत हो गयी थी। सोनभद्र जेल में बंद मुनीर को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। उसे जेल में इंफेक्शन हो गया था। इसी तरह हरदोई जेल में बंद अंबेडकरनगर के माफिया एवं कुख्यात अपराधी खान मुबारक की 12 जून 2023 को बीमारी की वजह से मौत हो गयी थी। उसके खिलाफ 44 मुकदमे दर्ज थे। वह अंडरवर्ल्ड डॉन जफर सुपारी का छोटा भाई था।
जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी समेत कई अपराधी
छह साल पहले बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या पश्चिमी उप्र के गैंगस्टर सुनील राठी ने कर दी थी। इसी तरह चित्रकूट जेल में 14 मई 2021 को मुख्तार के करीबी मेराज, माफिया मुकीम काला और कुख्यात अपराधी अंशू दीक्षित की गैंगवार में मौत हुई थी। जनवरी 2015 में मथुरा जेल में हुई गैंगवार में कुख्यात अपराधी ब्रजेश मावी और राजेश टोटा के बीच हुई गैंगवार में राजेश टोटा की मौत हो गयी थी। बीते वर्ष 7 जून को लखनऊ के अदालत परिसर में माफिया संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या कर दी गयी थी।
रमजान में हुई थी अतीक और अशरफ की हत्या
बता दें कि प्रयागराज में बीते वर्ष 15 अप्रैल को रमजान के दौरान माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की कुछ युवकों ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। दोनों को राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में रिमांड पर प्रयागराज लाया गया था। दोनों का मेडिकल कराने के लिए प्रयागराज के अस्पताल परिसर लाया गया था, जहां उनकी हत्या हो गयी। इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट कुछ दिन पहले शासन को सौंप दी है।