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अखिलेश ने मिर्जापुर और पीलीभीत समेत 6 लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों के नाम का किया ऐलान

अपना दल कमेरावादी से गठबंधन हुआ खत्म, वरुण गाँधी के भी सपा टिकट पर पीलीभीत से लड़ने पर लगा विराम

संवाददाता

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की सियासत में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता. बुधवार दोपहर ही अपना दल कमेरावादी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ऐलान कर दिया था कि सपा और कांग्रेस वाले इंडिया अलायंस के साथ वह यूपी की तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. विज्ञप्ति के जरिए दावा यह भी किया गया कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल की अगुवाई में कार्यकारिणी की बैठक में मिर्जापुर, कौशांबी और फूलपुर सीट पर इलेक्शन लड़ने का फैसला किया गया है. लेकिन सपा ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अपनी जो 6ठी लिस्ट जारी की है उसके छह प्रत्याशियों के नाम में मिर्जापुर से भी सपा उम्मीदवार का नाम है जिसके बाद सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने ये बयान भी जारी किया है की अपना दल कमेरावादी से इस चुनाव में कोई गठबंधन नहीं हुआ है .

अपना दल कमेरावादी की ओर से विज्ञप्ति आने के कुछ घंटे बाद ही समाजवादी पार्टी ने अपना दल कमेरावादी और उसके नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. मामले से वाकिफ़ लोगों का दावा है कि अपना दल कमेरावादी और पल्लवी पटेल का दांव उल्टा पड़ गया है. सपा ने बुधवार को जारी की गई सूची में मिर्जापुर से उम्मीदवार उतार दिया है. सपा ने राजेश एस. बिंद को उम्मीदवार घोषित किया है.

दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने पीलीभीत बहेड़ी लोकसभा सीट से भगवत सरन गंगवार को अपना प्रत्याशी बनाकर यहाँ से वरुण गाँधी के सपा टिकट पर चुनाव लड़ने की अटकलों पर भी विराम लगा दिया है. भगवत सरन गंगवार 1991 व 1993 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बरेली की नबाबगंज विधानसभा से विधानसभा का चुनाव भी लड़कर दोनों बार जीत हासिल की है. उसके बाद भगवत सरन गंगवार को 1996 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.

चुनाव में हार मिलने के बाद भगवत सरण ने 2002 में भाजपा से अपना मोह भंग कर समाजवादी पार्टी में सदस्यता ग्रहण कर सपा के टिकट पर 2002, उसके बाद 2007 फिर 2012 में समाजवादी पार्टी से विजय पताका लहराकर लगातार तीन बार विधायक रहे. 2012 की सपा सरकार में भगवत सरन को स्वतंत्र प्रभार मंत्री भी बनाया गया. उसके बाद 2017, 2022 के विधानसभा चुनाव में भगवत सरन को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा था, और भाजपा ने यहां से अपना परचम लहराते हुए सपा के भगवत सरन को चुनाव हराया.

इस बार पीलीभीत बहेड़ी लोकसभा सीट जिसे वरुण मेनका का गढ़ कहा जाता है इस बार कुर्मी बाहुल्य क्षेत्र में इस लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. क्योंकि वरुण गांधी के प्रतिनिधि ने उनका नामांकन पत्र ले लिया है और भाजपा ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा अभी नही की है ऐसे में वरुण गांधी यदि निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो मुकाबले भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी बसपा और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वरुण गांधी के सामने दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी.

सपा ने अपने जिन 6 कैंडिडेट्स के नामों पर मुहर लगाई है उनमे सम्भल लोकसभा क्षेत्र से जियाउर्रहमान बर्क पर भरोसा जताया है। घोसी से राजीव राय, बागपत से मनोज चौधरी और गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) से राहुल अवाना पर सपा ने दांव खेला है। जबकि पीलीभीत से भगवत सरन गंगवार और मिर्जापुर से राजेंद्र एस. बिंद को पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किया है।

सपा के अब तक कुल 49 कैंडिडेट फाइनल किएसमाजवादी पार्टी की ओर अब तक कुल 6 लिस्ट जारी की जा चुकी है। इन छह लिस्ट में सपा ने अब तक लोकसभा चुनाव को लेकर कुल 49 कैंडिडेट्स के नाम फाइनल कर दिए हैं। पांच लिस्ट तक सपा ने 46 कैंडिडेटस को टिकट दिया था।

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