संवाददाता
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले माह की 28 जनवरी को बिहार में एनडीए के साथ मिलकर नई सरकार बनाई थी। अब आज विधानसभा में एनडीए सरकार फ्लोर टेस्ट से होकर गुजरेगी। 14 दिनों से जिस ‘खेला’ की चर्चा पूरे देश में है, वह वास्तव में हुआ या नहीं- कुछ घंटे बाद पता चल जाएगा। बिहार की नीतीश कुमार सरकार का बहुमत परीक्षण आज है। पक्ष में 128 विधायक थे, विपक्ष में 114 और एक अलग।
नीतीश कुमार अपनी सरकार के लिए बहुमत पर वोटिंग का प्रस्ताव सदन में रखेंगे। इसके बाद विधान मंडल का बजट सत्र शुरू होगा। सत्ता परिवर्तन के बाद विधान मंडल का यह पहला सत्र है। इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की राजनीतिक गहमागहमी चरम पर है।
रविवार की शाम जदयू विधायक दल की बैठक हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने विधायकों को संबोधित किया। बिहार के विकास के लिए एकजुट रहने की बात कही। एक दिन पहले मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर भी जदयू विधायक जुटे थे।
विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित
फ्लोर टेस्ट से पहले राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराई गई। इसके बाद यह प्रस्ताव पारित हो गया। चौधरी ने इसके बाद उपाध्यक्ष को अपने आसन के पास बुलाया। आगे की कार्रवाई अब उपाध्यक्ष संभालेंगे।
राजद कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
इससे पहले राजद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को बिहार की सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान फ्लोर टेस्ट से पहले पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी ले लिया।
राजद का आरोप- हमारे दो विधायकों को जबरन सचेतक के कक्ष में बैठाया
बिहार में नीतीश सरकार के शक्ति परीक्षण के पहले राजद ने बड़ा आरोप लगाया है। राजद का आरोप है कि उसके दो विधायकों को सचेतक के कक्ष में जबरन बैठाया गया है। विधायकों की जारी बैठक के बीच पुलिस प्रशासन को हमारे नेता के घर मे प्रवेश कराया गया।
कांग्रेस विधायक संतोष मिश्रा ने मीडिया से की बातचीत
विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले कांग्रेस विधायक संतोष मिश्रा ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन नहीं टूट नहीं सकता है। कांग्रेस पहली पार्टी है, जिसने बरकरार विधायकों का उदाहरण पेश किया है।