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गाजियाबाद के अर्थला गांव में जलभराव पर महापंचायत के बाद अनिश्चितकालीन धरने का एलान

छह दिनों से चल रहे धरने का नहीं हुआ कोई असर, जलभराव के कारणा लग रहा लंबा जाम, प्रशासन काे सुध नहीं

संवाददाता

गाजियाबाद । मेट्रो रेल आधुनिक परिवहन प्रणालियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में कई फायदे प्रदान करती है। वे कुशल, तेज़, विश्वसनीय, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल हैं। दूसरे किसी स्थान पर मेट्रो स्टेशन के आने से वहां विकास का पहिया भी तेजी से दौड़ने लगता है। किन्तु इन सबके बावजूद गाजियाबाद जिले का अर्थला गांव मेट्रो के आने के बाद से एक विकट समस्या से जुझ रहा है। हालात इतने खराब हो गए कि गांव वालों क धरना देने के लिए मजबूर होना पड़ा। पिछले छह दिनों से लगातार चले धरने के बावजूद डीएमआरसी का कोई अफसर आज तक इन गांव वालों की सुध लेने नहीं आया।
दरअसल, गाजियाबाद के अर्थला गांव में जलभराव की समस्या परेशान ग्रामीणों ने रविवार को महापंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान सैकड़ों ग्रामीणों गांव के मुख्य मार्ग स्थित अर्थला मेट्रो पर एकत्रित हुए।

75 वर्षों में नहीं हुई इतनी दुर्दशा

अर्थला ग्राम निवासी बुजुर्ग महाराज सिंह ने बताया कि वे इस गांव में पिछले 75 वर्षों से हैं, लेकिन उन्हें कभी यहां परेशानी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि जब से गांव के बाहर मेट्रो स्टेशन बना है। यहां जलभराव की समस्या शुरू हो गई है। इसका एक मुख्य कारण यहां दबे सीवर के पाइप है। समस्या की शिकायत ग्रामीण कई बार नगर निगम और डीएमआरसी से कर चुके हैं।

महापंचायत में लिया निर्णय

रविवार को धरना स्थल पर महापंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान स्थानीय पार्षद मनोज पाल और ग्रामीणों ने मिलकर धरने की आगामी रूपरेखा तैयार की। साथ ही निगम पार्षद ने बताया कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है अर्थला मेट्रो स्टेशन पर अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। उन्होंने नगर निगम पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर आयुक्त की लापरवाही के चलते ग्राम वासियों को नाले के पानी से होकर गुजरना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए वह नगर आयुक्त से मिले और नाले के लिए प्रस्ताव बनाकर भी दिया जा चुका है लेकिन नगर निगम अधिकारियों की उदासीनता के चलते कार्य नहीं हो रहा है।

जलभराव से गांव के बाहर जाम

ग्राम निवासी सौरभ डबास ने बताया कि 7 वर्ष पहले अर्थला के मुख्य मार्ग पर बने नाले में सीवर पाइप डालकर उसे बंद किया गया था। जिस कारण नाले का पानी सड़क पर भरने लगा। गांव के बच्चे और बुजुर्ग नाले के गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं। साथ ही यहां एक प्राचीन मंदिर भी है। जिसके बाहर हमेशा नाले का पानी भरा रहता है। रविवार को भी मुख्य सड़क पर पानी भरा रहा। जिससे गांव के बाहर जाम की समस्या बनी रही। आमतौर पर यहां जलभराव के कारण जाम लगा रहता है। बता दें कि यह दिल्ली और गाजियाबाद को जोड़ने वाली मुख्य सड़क है। ग्रामीणों के द्वारा धरना दिए जाने के बाद भी प्रशासन की नींद नही खुल रही है।

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