
संवाददाता
गाज़ियाबाद। पूर्व नौसेना कर्मचारी ने दिल्ली के बवाना में 2004 में अपनी प्रेमिका के पति की पैसों के लेन देन को लेकर हुए झगड़े में हत्या कर दी। हत्या की वारदात में उसका भाई भी शामिल था। बाद में गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने परिवार की मदद से दुर्घटना में अपनी का नाटक रचा और खुद को अदालत में मरा साबित कर दिया। लेकिन अपराधी कितना भी चालाक हो एक दिन वह पुलिस के हत्थे चढ़ ही जाता है। 19 साल बाद अपराध शाखा द्वारा ने हत्या के मामलें में वांछित पूर्व नौसेना कर्मी को गिरफ्तार कर लिया।
अपराध शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी बालेश कुमार (63) हरियाणा के समालखा, पानीपत में गांव पत्ति कल्याण डीके रहने वाला है | उन्होंने बताया कि सेंट्रल रेंज अपराध शाखा की टीम के उपनिरीक्षक महक सिंह को गुप्त सूचना मिली कि आरोपी बालेश कुमार, जो थाना बवाना की हत्या व थाना तिलक मार्ग, दिल्ली चोरी के मामले में वांछित है, अब अमन सिंह के नाम से नजफगढ़, दिल्ली के इलाके में रहता है। अगर समय पर कार्यवाही की जाए तो उसे वहाँ से पकडा जा सकता है |
डीसीपी अंकित कुमार सिंह ने महक सिंह की सूचना के आधार पर सहायक आयुक्त पंकज अरोड़ा की देखरेख में निरीक्षक देवेंद्र कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसमे उप निरीक्षक महक सिंह,यशपाल सिंह, सहायक उप निरीक्षक दीपक कुमार त्यागी, सुदेश कुमार, अनिल कुमार, प्रधान सिपाही संदीप कुमार, करण सिंह व महिला सिपाही रानी को शामिल किया गया। टीम ने मिली सूचना के आधार पर नजफगढ़, दिल्ली के इलाके पर जाल बिछाया गया और आरोपी बालेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में पता चला की आरोपी ने वर्ष 2004 में अपने भाई सुंदर लाल के साथ मिलकर राजेश उर्फ खुशीराम की हत्या समयपुर बादली ट्रांसपोर्ट नगर में कर दी और उसके शव को थाना बवाना, दिल्ली क्षेत्र में ठिकाने लगा दिया था । जांच के दौरान, उसके भाई सुंदर लाल को गिरफ्तार किया गया था | बालेश ने पूछताछ में बताया कि घटना के दिन आरोपी बालेश कुमार अपने भाई सुंदर लाल और मृतक राजेश उर्फ खुशीराम के साथ शराब पी रहा था। इस दौरान उनके बीच मृतक राजेश की पत्नी के साथ बालेश कुमार के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर और उनके बीच पैसों के लेन-देन को लेकर गर्मागर्मी हो गई | बालेश कुमार और सुंदर लाल ने राजेश उर्फ खुशीराम की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को थाना बवाना, दिल्ली के इलाके में फेंक दिया। आगे की जांच के दौरान, पता जिसमे चला कि दिनांक 1 मई 2004 को बालेश कुमार ने जोधपुर, राजस्थान में अपने ट्रक में आग लगा दी, दो व्यक्तियों की मृत्यु घोषित की गई बाद उसने अपने परिजनों के सहयोग से एक मृतक की बालेश कुमार के रूप में करवाकर खुद को भी इस आग में मरा घोषित कर दिया और अपनी मृत्यु का प्रमाण पत्र अदालत में दाखिल कर दिया।
बाद में दिल्ली की अदालत ने इस मामले को कानूनी कार्यवाही करने के लिए एसएचओ/थाना डांडियावर, जोधपुर, राजस्थान को एक रिपोर्ट भेजी गई थी । बालेश कुमार ने अपनी पत्नी को अपने बीमा नॉमिनी बताया था जिसे पत्नी ने प्राप्त भी कर लिया।
कुछ समय पहले अपराध शाखा के एसआई महक सिंह को जानकारी मिली की रोशन गार्डन के नजफगढ़ में रहने वाला अमन सिंह, पुत्र जगत सिंह असल में
थाना बवाना, दिल्ली में हुई हत्या के मामले में वांछित था। इस मामले में उसे गिरफ्तार नहीं किया गया था। बाद में, वर्ष 2004 में उसे मृत घोषित कर दिया गया। यह भी पता चला कि आरोपी ने अपनी नई पहचान दिल्ली के रूप में बनाई है और फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और डी/एल तैयार करवाकर बैंक ऑफ इंडिया में अपना बैंक खाता खुलवा लिया है। इस जानकारी को पुख्ता करने के बाद बालेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी बालेश कुमार साल 1981 में नौसेना में भर्ती हुआ और 1996 में सेवानिवृत्त हो गया। खुद को मरा घोषित करने के बाद वह नई पहचान के साथ अपने परिवार के साथ संतोष पार्क, उत्तम नगर, दिल्ली में रहने लगा। पूछताछ में पता चला कि हत्या की वारदात से पहले साल 2000 में वह थाना तिलक मार्ग, दिल्ली में भी चोरी के एक मामले में शामिल था। इन दिनों वह प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था। पुलिस अब बालेश कुमार की जालसाजी में उसके अन्य सहयोगियों का पता लगाने का प्रयास कर रही है