संवाददाता
नई दिल्ली। ‘इंडिया’ गठबंधन में उत्तर प्रदेश को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा सीटों की खटपट की खबरों के बीच बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय एक पटकथा भी लिख गए। उन्होंने पिछले दिनों चर्चा में आए बसपा सांसद दानिश अली से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की, गले मिले और उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पर चर्चा की। कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष से बसपा सांसद की मुलाकात यूं ही नहीं हुई। इसके पीछे उत्तर प्रदेश को लेकर एक खास राजनीतिक संदेश भी है। इस मुलाकात से जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी पर दबाव बनाने की रणनीति है, वहीं भविष्य की संभावनाओं की ओर भी अजय राय इशारा कर गए हैं।समाजवादी पार्टी यूपी में खुद 65 सीटों पर चुनाव लडऩा चाहती है। गठबंधन में समाजवादी पार्टी खुद को सीट बांटने वाली पार्टी की रूप में अभी से स्थापित करने में लगी है। जबकि, कांग्रेस किसी भी सूरत में याचक की भूमिका में नहीं आना चाहती है। अजय राय के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मऊ में हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत के बाद उसे नसीहत भी दी थी। अजय राय ने कहा था कि मऊ में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के सहयोग से जीती है लेकिन उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर प्रत्याशी उतारकर समाजवादी पार्टी ने भाजपा का साथ और गठबंधन के लिए नकरात्मक संदेश दिया है। उधर, कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच हुई मुलाकात भी राजनीतिक चर्चाओं में है।अब बुधवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बसपा सांसद दानिश अली से उनके आवास पर मुलाकात की। राजनीतिक जानकारों के अनुसार इस मुलाकात से जहां समाजवादी पार्टी पर दबाव की रणनीति काम कर रही है वहीं भविष्य की ओर भी यह एक इशारा है। बेशक, समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल है लेकिन कांग्रेस भी खुद को कम नहीं आंक रही है। इशारों ही इशारों में कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय की बसपा सांसद दानिश अली से मुलाकात इस बात का संदेश है कि यदि लोकसभा चुनाव में बसपा और कांग्रेस साथ आ जाएं तो एक और एक ग्यारह हो सकते हैं। यानि, भाजपा को लोकसभा चुनाव में पछाडऩे के लिए दोनों दल ही काफी हैं। वैसे भी बहुजन समाज पार्टी के उत्तर प्रदेश में 10 सांसद हैं। ऐसे में उसकी भी मंशा है कि उत्तर प्रदेश में पार्टी की ताकत को और अधिक बढ़ाया जाए। उधर, कांगे्रस जानती है कि बसपा के साथ आने पर दलित वोट बैंक भी खुलकर उनके साथ होगा। ऐसे में कांग्रेस का पुराना सियासी समीकरण जिसमें दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण की बात होती है उसे साधा जा सकेगा। कुछ मिलाकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की बसपा सांसद दानिश अली से हुई मुलाकात उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा संदेश दे रही है। वैसे भी राजनीति में सबकुछ संभव है। लोकसभा चुनाव में कौन किसका साथ लेकर यह आने वाला भविष्य बताएगा लेकिन उसकी पटकथा अभी से तैयार करने की तैयारियों को अमली जामा पहनाया जाना शुरू हो चुका है।