संवाददाता
नई दिल्ली। कांग्रेस में लोकसभा चुनाव से पहले यूपी , एमपी और छत्तीसगढ़ को लेकर बड़ा फेरबदल हुआ हैं। मुकुल वासनिक को गुजरात का प्रभारी महासचिव और रणदीप सिंह सुरजेवाला को मध्य प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया हैं। इसके अलावा पार्टी ने पूर्व विधायक अजय राय को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है।
दरअसल, अजय राय ने वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। अजय राय को कांग्रेस ने यूपी में पार्टी की कमान का अध्यक्ष बनाया है। कांग्रेस नेता अजय राय दो बार वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। अजय ने पहले 2014 में पहली बार और 2019 में दूसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ा था और दोनों बार हारे थे।
अजय राय ने यूपी कांग्रेस में बृजलाल खाबरी की जगह ली है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिहाज से 80 सीटों वाला उत्तर प्रदेश बेहद अहम है। लेकिन लगातार चुनाव हार रही कांग्रेस की हालत यहां बहुत खराब है। साल 2019 के चुनाव में तो कांग्रेस अपनी परंपरागत और सबसे सुरक्षित सीट अमेठी से भी हार गई थी। ऐसे में बिखरे हुए संगठन को फिर से एकजुट करना और लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी कैडर तैयार करना अजय राय की सबसे बड़ी चुनौती होगी।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में यूपी में कांग्रेस को सिर्फ रायबरेली सीट पर ही जीत मिल पाई थी। सोनियां गांधी यहां से सांसद हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस केवल दो सीटों पर ही सिमट गई।
कौन हैं अजय राय
19 अक्टूबर 1969 को वाराणसी में जन्मे अजय राय लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं। साल 1996 में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद से वे 2007 तक विधायक रहे। इसके बाद बीजेपी आलाकमान से मतभेद के चलते उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। साल 2009 में उन्होंने मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ सांसदी का चुनाव लड़ा और हार गए थे। इसके बाद यहां भी ज्यादा दिन नहीं रहे और निर्दलीय ही पिंडरा से उप-चुनाव जीतकर विधायक बने। बाद में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली। अजय राय के बारे में कहा जाता है कि वे वह अपने बल पर चुनाव जीतते हैं और पार्टी को इसका लाभ होता है। लेकिन पिछले कुछ चुनावों में वे लगातार हार का सामना करते आए हैं। पूर्वांचल के भूमिहार समाज में उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है। शायद यही सोचकर कांग्रेस ने उनपर भरोसा जताया है।