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शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक उत्थान के लिए एक अनोखी यात्रा – महिलाओं के सात दिवसीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का आयोजन हरिद्वार में हुआ

(सुशील कुमार शर्मा,स्वतंत्र पत्रकार)

गाजियाबाद । गत 31 जुलाई से 6 अगस्त तक हरिद्वार में आयोजित हुए सात दिवसीय महिलाओं के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में योगगुरु व प्राकृतिक चिकित्सक अर्चना शर्मा व रेनू तेवतिया के नेतृत्व में योग, नेचरोपैथी और रेकी द्वारा शारीरिक और मानसिक क्लीनिंग की गई। महिलाओं की 7 सदस्यीय एक टीम 31 जुलाई को गाजियाबाद से हरिद्वार पहुंची । इस टीम में गाजियाबाद के अतिरिक्त एक सदस्या दिल्ली से भी थीं। एक सदस्या देहरादून से सीधे हरिद्वार पहुंची। 8 सदस्यीय इस शिविर में योगासन, ध्यान ,योग निद्रा, रेकी के साथ कराई गई प्राकृतिक चिकित्सा में माउथ पुलिंग,चादर लपेट,एनिमा, मिट्टी -पट्टी, फुल बॉडी मसाज, फुटबाथ, हॉट एंड कूल, जल नेती, कुंजल के साथ उपचार में कुछ पंचकर्मा का सहयोग भी लिया गया। जैसे नस्य, बस्ती और शिरोधारा सहित पैर से लेकर सिर तक सभी अंगों की क्लीनिंग की गई । सभी महिलाओं की दिनचर्या और भोजन का विशेष ध्यान रखा गया।

सभी सदस्यों के लिए वहीं पर भोजन तैयार किया जाता था जिसमें मिलेट और कच्ची सब्जियों का ज्यादा उपयोग किया जाता था । सुबह सभी सदस्यों को नट्स एवं सीड्स दिए जाते थे और फिर कुछ हल्का सा ब्रेकफास्ट दिया जाता था। दोपहर के भोजन में पूरा खाना होता था और शाम को फिर कुछ हल्का ही दिया जाता था । जैसे खिचड़ी, साबूदाने की खिचड़ी ,पोहा या फिर मिलीट की खिचड़ी । इस विशेष भोजन की व्यवस्था में रेनू तेवतिया के नेतृत्व में सभी मिलजुल कर कार्य करते थे। सभी के मनोरंजन के लिए गंगा स्नान, गंगाजी की आरती ,मनसा देवी और चंडी देवी के दर्शन कराए गए। एक दिन शांतिकुंज भी गये।इस शिविर में सम्मिलित 3 सदस्य गाजियाबाद राज नगर एक्सटेंशन से अरुणा नायर,अंजू शर्मा, महिमा त्यागी ,आरती सिन्हा कवि नगर से, रेनू सिंह देहरादून से व भावना मलिक दिल्ली वसंत कुंज से आयी थीं। आयोजिका रेनू तेवतिया राजनगर एक्सटेंशन से तथा अर्चना शर्मा नेहरू नगर द्वितीय से थी।

इस शिविर में भाग लेने वाले सदस्यों ने वार्ता में अपने अनुभव भी शेयर किए ।अरुणा नायर ने कहा कि मैंने पहली बार अर्चना जी के साथ सात दिन बिताए। जिसमें उन्होंने मुझे जो भी ट्रीटमेंट दिया बहुत फायदे मंद रहा। मुझे सियाटिका की प्रोब्लम है। जिसके कारण मैं बहुत देर तक बैठ नही पाती थी। इन सात दिनों में मुझे बहुत फर्क पड़ा। मैं अब काफी देर तक आराम से बैठ पाती हूं। उन्होंने बताया कि और भी बहुत से ट्रीटमेंट किये गये जो बहुत ही अच्छे थे । शिरोधारा, नस्य,बस्ती, एनिमा, मालिश, जलनेती ,कुंजल मट्टी- पटी आदि और रेकी के साथ योगनिद्रा करायी गई।

रेनू तेवतिया द्वारा योग ध्यान और खाने को सात्विक भोजन कच्ची सब्जियां और फल सीड्स और नट्स दिया जाता था जो बहुत ही फायदेमंद था। रेनू सिंह ने बताया कि मुझे साइटिका और एसिडिटी की प्रॉब्लम थी। मैं इस ग्रुप से बहुत पहले टाइम से जुड़ी हुई हूं। इसमें ग्रुप के साथ हरिद्वार आई और यहां पर अर्चना शर्मा के साथ नेचुरोपैथी के अनुभव और रेनू तेवतिया के साथ योग द्वारा अपने मानसिक और शारीरिक बैलेंस को बनाकर रखना सीखा।योगासन ,ध्यान , रेकी के साथ योगनिद्रा कराई गई। नेचुरोपैथी के बहुत तरह के ट्रीटमेंट दिए गए ।जो सब प्रकृति के साथ जुड़े हुए थे और उनसे मुझे एसिडिटी में और साइटिका में पहले से काफी आराम मिला है ।मुझे अभी आई फ्लू हुआ था तो मुझे जो आई फ्लू के लिए जो ट्रीटमेंट दिए गए उससे मेरी आंखों पर बहुत ही अनुकूल प्रभाव पड़ा है ।इसी के साथ-साथ हमारे खाने में हमें क्या-क्या बदलाव करना चाहिए यह बातें भी समझ में आई और यह भी पता चला कि अनाज में गेहूं या चावल ही नहीं है बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जिन्हें खाने से हम अपने शरीर को बैलेंस में रख सकते हैं। वार्ता के दौरान अंजू शर्मा ने बताया कि उन्हें भी साइटिका की प्रॉब्लम है और यहां नेचुरोपैथी का ट्रीटमेंट कराने से उन्हें काफी कुछ अच्छा अनुभव मिला है। पहले से आराम है और योग क्लास तो वह काफी समय से रेनू तेवतिया के साथ कर रही हैं। योगा से उन्हें बहुत सारी चीजें पता लगी । बहुत सारे शरीर के पॉइंट पता लगे ।उन्होंने कहा कि मैं नेचुरोपैथी से जुड़ी रहना चाहती हूं और सभी से अनुरोध करती हूं कि वह भी नेचुरोपैथी, योगा और रेकी के बारे में समझें और उनसे जुड़ने का प्रयास करें।

दिल्ली वसंत कुंज से आयी भावना मलिक ने बताया कि उन्हें एलर्जी की प्रॉब्लम है। जरा सा भी मौसम बदलता है या कुछ होता है तो उन्हें कोल्ड हो जाता है।जिसकी वजह से वह काफी परेशान रहती हैं और जब उन्होंने नेचुरोपैथी ट्रीटमेंट से अपने आपको रूबरू कराया तो उन्हें बहुत फायदा हुआ । जलनेति करने के बाद उन्होंने कहा कि मैं पहले भी करती थी ।जलनेति से मुझे फायदा होता है और पेट पर मिट्टी -पट्टी आंखों पर मिट्टी -पट्टी रखने से उनके पेट के टॉक्सिंस कम हुए हैं। जिसकी वजह से उन्हें एलर्जी में आराम मिला है।

आरती सिन्हा से पूछा गया कि नेचुरोपैथी के गाजियाबाद में भी बहुत सेंटर है तो आप हरिद्वार ही क्यों आई ।आरती जी ने कहा कि हरिद्वार एक बहुत पवित्र स्थान है, पवित्र गंगा नदी यहां पर बहती हैं। यहां का वातावरण बहुत ही पवित्र और ऊर्जावान है व सकारात्मक है। जब हम नेचुरोपैथी या योग कहीं किसी पवित्र स्थान पर करते हैं तो उसका लाभ हमें दुगना होता है । उन्होंने बताया कि उन्हें शिरोधारा बहुत अच्छी लगी। वैसे तो उन्हें सारे ट्रीटमेंट बहुत पसंद आए और उससे उन्हें फायदा भी हुआ । मिलेट के बारे में उन्हें पता लगा कि मिलेट से हम बहुत सारी चीजें बना सकते हैं जैसे दोसा,इडली भी। अपने मनपसंद स्वादिष्ट खाना बना सकते हैं और इन सब चीजों को खाने से हमारे बॉडी में टॉक्सिन थोड़ी कम जमती है । जिससे हमारी प्रॉब्लम भी जल्दी सॉल्व हो जाती है । उन्होंने भी यही कहा कि सबसे अनुरोध है सभी नेचुरोपैथी से जुड़े और अपने को फायदा पहुंचाए । औरों को भी इन के फायदे बताएं ।

महिमा त्यागी ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग एक अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद करते हैं ।आपके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं। इसलिए मैंने भी सात दिन तक नेचुरोपैथी, पंचकर्म एवं योग का एक छोटा सा समूह ज्वाइन किया । जो नेचुरोपैथी चिकित्सक अर्चना शर्मा और योग शिक्षिका रेनू तेवतिया ने आयोजित किया था । स्वस्थ आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन के सारी इकाइयों को अपनाते हुए दोनों शिक्षिकाओं ने पूरे समूह का संचालन किया। योग से दिनचर्या शुरू करके जल नेति ,कुंजल, मसाज ,शिरोधारा और रात में योगनिद्रा तथा रेकी के साथ शरीर के संचालन को सुधारने का सफल प्रयास किया गया ।

सातों दिन प्राकृतिक चिकित्सा के प्रभाव से और जड़ी बूटियों और पत्तियों से विभिन्न प्रकार के शुद्ध घी और शुद्ध तेल जो अर्चना जी ने स्वयं तैयार किए थे उन्हीं से नस्य, बस्ती और शिरोधारा के साथ चादर लपेट, मिट्टी -पट्टी मसाज आदि से उपचार किए गए। इन 7 दिनों तक सबके अंदर सकारात्मक भावनाएं जगाने ,जीवन के अवसाद को कम करने के लिए कोशिश की गई। यह मेरे लिए अत्यंत सुखद एवं रोमांचकारी अनुभव रहा । मैं अपने आप को तन ,मन और बुद्धि तीनों से बहुत धनी महसूस कर रही हूं। पूरा शरीर नवीकृत जैसा लग रहा है। इस शिविर के बाद केवल शारीरिक और मानसिक नवीनीकरण ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक तौर से भी मैं अपने आप को परिपूर्ण महसूस करती हूं । आयोजकों का बहुत-बहुत धन्यवाद है । भविष्य में भी ऐसे ही प्रोग्राम करती रहेंगी और हमें अपने अनुभव का लाभ देती रहेंगी।

शिविर की आयोजक अर्चना शर्मा व रेनू तेवतिया ने बताया यह हमारा शहर से बाहर पहला शिविर आयोजन था। जिससे हमें बहुत सकारात्मक ऊर्जा मिली ।जो भी सदस्या हमारे साथ गयी थी उनका हर कार्य में हमारा पूर्ण रूप से सहयोग रहा ।सभी की बातों और सबके चेहरे से प्रतीत होता है कि सभी इस शिविर के आयोजन से बहुत ही खुश हैं । उन्होंने कहा है कि हम आगे भी इस तरह के शिविर आयोजन में आपके साथ हमेशा चलेंगे और हमारा सहयोग बराबर रहेगा । हम भी उन सभी का हम तहेदिल से धन्यवाद करते हैं।

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