
संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पुरानी दिल्ली के एक व्यपारी से 20 लाख रूपए की रंगदारी मांगने के मामले में वांछित लारेंस विश्नोई सिंडीकेट से जुड़े तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से हथियार भी बरामद किए गए है। तीनों आरोपी दिल्ली में कई आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं।
स्पेशल सेल की नार्थ रेंज व एसटीएफ के डीसीपी राजीव रंजन सिंह ने बताया कि कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट के तीन खूंखार अपराधियों और शार्पशूटरों को गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान उदित साध निवासी कृष्णा नगर, दिल्ली, अनीश कुमार उर्फ मिंटू निवासी नांगलोई, दिल्ली और मोहित गुप्ता वासी निहाल विहार, दिल्ली के रूप में हुई है। तीनों थाना कोतवाली, दिल्ली में दर्ज एक जबरन वसूली मामले में वांछित थे।
डीसीपी ने बताया कि स्पेशल सेल एनआर की यूनिट के एसीपी वेद प्रकाश के नेतृत्व में इंसपेक्टर अरविंद कुमार व मान सिंह की टीम के एसआई मनीष कुमार, नीरज चहल, शिव मंगल, हैड कांस्टेबल राजीव, मंजीत, विकास, रामजस, रोहित, कांस्टेबल सोनू और विपिन की टीम ने बदमाशों को पकड़ने में सफलता हासिल की है।

हाल ही में, 23 जून, 2023 को लाजपत राय मार्केट स्थित एक व्यापारी को जबरन वसूली का फोन आया और आरोपी व्यक्तियों ने शिकायतकर्ता को लॉरेंस बिश्नोई के नाम से धमकी दी और प्रोटेक्शन मनी के रूप में 20 लाख रूपए की मांग की। इस संबंध में थाना कोतवाली में जबरन वसूली का मामला दर्ज किया गया था।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्पेशल सेल उत्तरी रेंज की टीम ने भी इस मामले पर काम करना शुरू कर दिया। टीम के प्रयास तब रंग लाए जब उन्हें पता चला कि इस बात की पुष्टि हुई कि रंगदारी मांगने वाले तीनों कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य हैं।
इसके बाद, स्पेशल सेल की टीम ने दिल्ली/एनसीआर, यूपी, पंजाब और गुजरात के इलाकों में आरोपियों के संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की। पुलिस टीम ने उनकी गतिविधियों पर लगतार सर्विलांस रखनी जारी रक्खी।
3 जुलाई, 2023 को टीम को विशिष्ट इनपुट मिले कि वांछित बदमाश जापानी पार्क, रोहिणी के गेट नंबर 3 के पास आएंगे। पुलिस टीम ने वहां जाल बिछाया और उन्हें दबोच लिया गया। उनकी तलाशी के दौरान दो सिंगल शॉट पिस्तौल और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए। पूछताछ में पता चला कि उदित साध के पिता की मृत्यु हो चुकी है और उसकी माँ अपनी बेटी के साथ सूरत, गुजरात में रहती है। उदित होल सेल मार्केट में कपड़े बेचता था और पुरानी दिल्ली के लाजपत राय मार्केट में एक दुकान भी चलाता था। वह क्षेत्र के कई थोक विक्रेताओं को जानता था और अक्सर उनसे मिलने जाता था। नजदीकियां होने के कारण उनके पास उनके मोबाइल नंबर भी थे। आसानी से और जल्दी पैसा कमाने के लिए, उसने लोगों को किसी न किसी बहाने से धोखा देना शुरू कर दिया और 2015 में दिल्ली में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में पहली बार जेल गया। जेल में उसकी मुलाकात दूसरे आरोपी अनीश कुमार से हुई और वह खतरनाक लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों से भी मिला। इसके बाद, उसने अपने साथियों अनीश कुमार और मोहित गुप्ता के साथ मिलकर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर निर्दोष व्यापारियों को धमकाने की आपराधिक साजिश रची, क्योंकि उन्हें पता था कि उसके नाम पर उन्हें जबरन वसूली की रकम आसानी से मिल जाएगी। इसके बाद उन्होंने लाजपत राय मार्केट स्थित एक व्यापारी को लॉरेंस बिश्नोई के नाम से कई धमकी भरे कॉल किए और उनसे 20 लाख रुपये की मांग की। वे शिकायतकर्ता को तिहाड़ जेल के पास के इलाके से फोन करते थे।



