
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद के घंटाघर स्थित रामलीला मैदान में बुधवार को महर्षि कश्यप जयंती एवं महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कार्यक्रम के आयोजक कश्यप निषाद संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेन्द्र कश्यप ने 50 हजार लोगों के शामिल होंने का दावा किया है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि न तो कश्यप निषाद समाज की पूरे जिले या आसपास में इतनी आबादी है न पिछडी जातियों का कार्यक्रम है। सवाल उठता है कि फिर कहा से इतनी भीड जुटेगी।
दरअसल, कार्यक्रम के आयोजक कश्यप निषाद संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेन्द्र कश्यप जो समाज विशेष की राजनीति करते हैं। वे यूपी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन शाशक्तिकरण स्वंतत्र प्रभार के राज्यमंत्री व ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी है।
भाजपा से जुड़े कुछ कद्दावर नेताओं का कहना है कि नरेन्द्र कश्यप जिस समाज से जुडे है उसकी आबादी जिले में अंगुलियों पर गिनी जा सकती है। इसलिए उन्होंने अपने निजी संगठन के समारोह को भाजपा का कार्यक्रम बनाकर इसमें भाजपा कार्यकर्ताओं की ताकत झौकने का फरमान सुनाया है। सूत्रों का कहना है कि दो दिन पहले राजनगर एक्सटेंशन में महानगर अध्यक्ष व कार्यक्रम के आयोजक राज्यमंत्री नरेन्द्र कश्यप ने भाजपा कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई। बैठक में खासतौर से निवर्तमान पार्षदों और नगर निगम तथा निकाय चुनाव में टिकट पाने के इच्छुक उम्मीदवारों को बुलाया गया था।

सूत्र बताते हें कि महर्षि कश्यप जयंती एवं महाकुंभ में भीड जुटाने के लिए बैठक में आए टिकटार्थियों से इशारों में कहा गया कि टिकट पर विचार तभी किया जाएगा जब वे इस कार्यक्रम के लिए अपने निजी खर्चे पर एक बस में कम से कम पचास लोगों की भीड जुटाकर लाऐंगे। सूत्र बता रहे हैं कि एक टिकटार्थी ने जब बैठक में ये पूछा कि कार्यक्रम तो कश्यप समाज का है क्या इसमें दूसरी बिरादरी के लोग भी शामिल हो सकते हैं तो उनसे कहा गया मतलब भीड जुटाने से है कौन किसा जात का है इससे मतलब नही ।
अब इस बात को लेकर जिले भर में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच कश्यप निषाद संगठन द्वारा आयोजित किए जाने वाला महर्षि कश्यप जयंती एवं महाकुंभ समारोह चर्चा का विषय बन गया है। कार्यकर्ता सवाल कर रहे हैं कि जब कार्यक्रम एक जाति विशेष का है तो इसमें भाजपा कार्यकर्ताओं को हर बिरादरी के लोगों की भीड जुटाने का दबाव क्यों बनाया जा रहा है।
बता दें कि इस वक्त गाजियाबाद नगर निगम समेत खोडा, लोनी, मोदीनगर, पतला नगर पंचायतों के लिए एक हजार से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ता वार्ड का टिकट पाने के लिए पार्टी दफ्तर तथा नेताओं की परिक्रमा कर रहे हैं। जिन्हें अब टिकट पाने के लिए इस आयोजन के लिए कम से कम पचास लोगों की भीड जुटाने की जिम्मेदारी सोंपी गई है। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बताई जा रही इन बातों में कितना दम है ये तो नहीं पता लेकिन सूत्रों का कहना है कि भाजपा के सभी दस मंडल अध्यक्षों से भी दो-दो बसों में लोगों की भीड इस कार्यक्रम में लाने का फरमान सुनाया गया है।
बता दें कि भाजपा संगठन व प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप को तमाम ओहदे पिछडी जातियों में उनकी गहरी पैठ को भांपकर दिए गए है। भाजपा सरकार में मंत्री बनने के बाद जिले में उनका यह उनका पहला बड़ा आयोजन होगा। कार्यकर्ता दबी जबान कह रहे हें कि महर्षि कश्यप जयंती मनाने के बहाने इसे पिछडी जातियों का महाकुंभ प्रचारित किया जा रहा है। भाजपा के अंदरूनी सूत्र ये भी बता रहे हें कि सरकार व पार्टी को अपनी ताकत दिखाना आयोजन करने वाले मंत्री जी की जरूरत ही नहीं मजबूरी भी है। इसीलिए इस आयोजन को ओबीसी वर्ग से जोडा गया है। भाजपा कार्यकर्ता दबी जबान कह रहे हें कि सरकार से जुडे मंत्रियों व केन्दीय मंत्रियो को इस आयोजन में बुलाकर अगर भीड एकत्र करना ही था तो कार्यक्रम का आयोजक पार्टी का बनना चाहिए था। किसी नेता के संगठन को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाना गलत हैं।
बता दें कि महाकुंभ के आयोजन के लिए रामलीला मैदान में 1 लाख वर्ग फुट का विशाल टेंट लगाया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यअतिथि प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण, केन्द्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह, कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह व परिवहन मंत्री दयाशंकर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। स्थानीय भाजपा के सभी नेताओं को इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भी कहा गया है।



