
मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद पिछले 11 दिन से सरकार बनाने को लेकर जारी खींचतान के बीच मंगलवार को एनसीपी ने बड़ा बयान दिया है. अभी तक विपक्ष में बैठने की बात करने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सरकार बनाने की इच्छा जताते हुए शिवसेना के सामने सरकार गठन के लिए कुछ शर्त रखी हैं.
एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि यदि शिवसेना हमारे साथ गठबंधन में सरकार बनाती है तो पांच साल के लिए मुख्यमंत्री उनका होगा. हमें सीएम का पद नहीं चाहिए.’ उन्होंने कहा कि इस स्थिति में दो डिप्टी सीएम के पद होंगे उनमें भी एक शिवसेना का ही होगा, लेकिन ये बातें तभी संभव होंगी जब शिवसेना बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ ले.
कांग्रेस का मिलेगा बाहरी सपोर्ट
एनसीपी नेता के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार में शामिल शिवसेना के इकलौते मंत्री यदि इस्तीफा दे दें तो एनसीपी गठबंधन के बारे में सोच सकती है. ऐसे में महाराष्ट्र में सरकार निर्माण के दौरान उन्हें कांग्रेस का बाहर से सपोर्ट मिलेगा.
शरद पवार ने बनना चाहा सीएम तो…
एनसीपी नेता ने कहा कि उनकी पार्टी को मुख्यमंत्री पद नहीं चाहिए. गठबंधन होता है तो शिवसेना पांच साल के लिए मुख्यमंत्री पद रख सकती है, लेकिन सूबे में दो डिप्टी सीएम होंगे जिसमें से एक एनसीपी और एक उनका (एनसीपी) होगा. लेकिन इस दौरान एनसीपी नेता ने एक और बात कह दी. उनके अनुसार इस स्थिति में भी बदलाव संभव है, यदि शरद पवार ने सीएम बनने की इच्छा जताई तो इसे बदला जाएगा, लेकिन अभी की स्थितियों को देखते हुए ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. एनसीपी ने कहा कि हम कैबिनेट में कुछ महत्वपूर्ण पदों की जरूर मांग करेंगे.
राम मंदिर मुद्दे का असर नहीं
एनसीपी नेता ने कहा कि इस बात पर अयोध्या भूमि विवाद का कोई असर नहीं होगा. इसका कारण है कि एनसीपी ने पहले ही कह दिया है कि कोर्ट का जो भी फैसला आएगा वो उसका समर्थन करेंगे. ऐसे में इस मामले से सरकार बनाने या गठबंधन पर कोई असर नहीं होगा. हालांकि एनसीपी नेता के प्रस्ताव पर शिवसेना ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.



